भोजपुरी गिरमिटिया कथा सुन भीग गई आँखें

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प्रदेश गिरमिटिया समाज का अपना घर है, माननीय मुख्यमंत्री जी ने अपने पहले दौरे में मॉरीशस ही गए*- अवनीश अवस्थी

भारत आपका घर है – स्वाति सिंह

 खूब गाये गिरमिटिया “सुंदर सुभूमि भारत

सूरीनाम के गिरमिटिया राज मोहन ने भोजपुरी ग़ज़ल में बांधा शमा

नीदरलैंड के सुंदर हीरा ने प्रस्तुत किया लुप्त होता लौंडा नाच 

नीदरलैंड के मानव डी ने भोजपुरी पॉप से बांधा शमा

लखनउ का बाल्मीकि रंगशाला गवाह बना 200 सालों की थाती का

भोजपुरी की मिठास को सुरीनाम से लेकर आए गिरमिटिया

भोजपुरी दिल की आवाज है, यहाँ से गए गिरमिटिया लोग आज उन देशों में सबसे उँचे पद हैं, महात्मा गाँधी पहले गिरमिटिया थे-श्वाती सिंह

भोजपुरी भाषा और संस्कृति में दम है इसके बढोतरी के लिए सरकार काम कर रही और आगे बढाने के लिए और काम करेगी , नीदरलैंड से आए कलाकार और उनके दल ने इस भाषा का दम दिखाया– अवनीश अवस्थी

उत्तर प्रदेश की धरती की सुगंध दूर दूर तक पहुँचाने वाले लोगों को यूपीडीएफ अपने प्रदेश से और उनकी जड़ों से जोड़ने के लिए के लिए हर पल कुछ विशेष करता है।इसी क्रम में फोरम 200 साल पहले भारत से सूरीनाम गये गिरमिटिया समाज को अपनी माटी से जोड़ने के लिए प्रदेश की राजधानी लखनऊ में संगीतमय कार्यक्रम 9 अप्रैल को आयोजित किया। इस कार्यक्रम की प्रस्तुति नीदरलैंड निवासी राज मोहन एवं मानव डी एवं उनके साथी वरुण, सूंदर हीरा और किशन हीरा साथी नीदरलैंड के प्रसिद्द भोजपुरी अवधी गायक ने किया इनमें से सुंदर हीरा और किशन हीरा सूरीनाम और नीदरलैंड में भोजपुरी संस्कृति के प्रसिद्द नृत्य लौंडा नृत्य की लाइव प्रस्तुति की।
सूरीनाम से आये गिरमिटिया “सुंदर सुभूमि भारत” भारत की भोजपुरी भाषा के राष्ट्रगीत से शुरूआत की। आज से करीब 200 साल पहले भारत से और खासकर यूपी बिहार से एक बड़ी संख्या मजदूरों के रूप में अंग्रेजों द्वारा गन्ने के खेतों और कारखानों में काम करने हेतु सूरीनाम मॉरिशस गुयाना त्रिनिदाद अफ्रीका आदि देशों में ले जाई गई थी जिसे आज हम गिरमिटिया समाज कहते हैं. उनमें से एक बड़ी आबादी बाद में सूरीनाम से आकर नीदरलैंड में बस गई और आज भी वहां भोजपुरी संस्कृति और संगीत उनके आधुनिक समाज का हिस्सा है. ये कलाकार यूरोपियन एवं कैरिबियन देशों में भोजपुरी में बैठक गाना, गीत गवई, गजल एवं रैप के सार्वजानिक कार्यक्रम करते रहते हैं और इस माध्यम से भारत की माटी और संस्कृति को यूरोप एवं अफ्रीका में बसे गिरमिटिया एवं वहां के स्थानीय समाज से जोड़ते रहते हैं. कार्यक्रम में प्रदेश के गणमान्य व्यक्तियों के साथ कला पसंद लोगों के बीच आयोजित किया गया . यूपीडीएफ के चेयरमैन पंकज जायसवाल ने बताया की फोरम प्रवासियों को जोड़ने के साथ ही भोजपुरी की परंपरागत संस्कृतियों को पब्लिक में लाना चाहती है ताकि इसकी समृद्ध संगीत कला व परंपरा से लोगों को परिचित कराया जा सके. इसके साथ ही इस तरह के कार्यक्रम देश और विदेश में भी किए जाने के लिए संकल्पित हुआ। विश्व भर मों फैले प्रदेश के लोगों तक अपनी मिट्टी की खुशबू पहुँचाई जा सके। कार्यक्रम का आयोजन यूपीडीएफ एवं स्थानीय संयोजन अमित अंजन एवं धर्मेंद्र गुप्ता के किया। *कार्यक्रम में प्रदेश के विधान परिषद के सदस्य धर्मेन्द्र सिंह , मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री अवनीश अवस्थी और प्रदेश के पूर्व मंत्री सुश्री श्वाती सिंह के जरिए दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरूआत किया।यूपीडीएफ के जरिए किए गए इस प्रयास की सराहना की गई, और भोजपुरी के जरिए विश्व में फैले प्रदेश के लोगों को जोडने की जरुरत पर जोर दिया। इस मीठी बोली को लोगों के दिलों तक पहुँचने की जरूरत है।