महाभारत एवं रामायण में भी दिखती है विधि की झलक

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लखनऊ विश्वविद्यालय के नवीन परिसर स्थित विधि संकाय की मूट कोर्ट कमेटी द्वारा त्रिदिवसीय अंतरराष्ट्रीय प्रथम जस्टिस न्यायमूर्ति वीरेंद्र कुमार दीक्षित मेमोरियल अंतरराष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन दिनांक 25 मार्च 2022 से 27 मार्च 2022 कराया जा रहा है। प्रतियोगिता हाई कोर्ट के एडवोकेट मनु दीक्षित एवं अंतरराष्ट्रीय फर्म त्विनवुड लॉ प्रैक्टिस बर्मिंघम के सहयोग से कराई जा रही है। प्रतियोगिता में देश एवं विदेश से कुल 22 टीमें प्रतिभाग कर रही हैं जिसमें से दो टीमें नेपाल एवं यूनाइटेड किंगडम की है। देश के नामी विधि विश्वविद्यालय जैसे कि जीएनएलयू गुजरात , आरजी एन यू एल, पटियाला , एमिटी नोएडा आदि प्रतिभा हेतु आ चुके हैं। शुक्रवार को प्रतियोगिता का उद्घाटन समारोह नवीन परिसर के ज्यूरिक हॉल में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह उपस्थित रहे । बतौर विशिष्ट अतिथि इलाहाबाद हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी , नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज में रहे वाइस चांसलर प्रोफेसर बलराज चौहान एवं उत्तर प्रदेश राज्यपाल के पूर्व विधिक सलाहकार एसएस उपाध्याय मौजूद रहे। न्यायमूर्ति श्री वी के दीक्षित जिनकी स्मृति में यह प्रतियोगिता कराई जा रही है उनकी पत्नी श्रीमती इंदू दीक्षित भी समारोह में उपस्थित रही । एचएसवीआर ऑफिस में पार्टनर एवं इलाहाबाद हाईकोर्ट में सीनियर अधिवक्ता विवेक राय भी मौजूद रहे। कार्यक्रम के प्रारंभ में मूट कोर्ट एसोसिएशन की शिक्षिका संचालिका प्रोफेसर विनीता काचर ने सभी अतिथियों का स्वागत किया साथ ही इंटरनेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता के विषय ह्यूमैनिटेरियन लॉ से जुड़े बिंदुओं पर भी चर्चा करी। संकायाध्यक्ष एवं विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सीपी सिंह ने इंटरनेशनल मूट कोर्ट के आयोजन पर खुशी जताई एवं आए अतिथियों को भी सम्मानित किया। प्रतिभाग कर रही सभी टीमों को भी आशीर्वाद दिया साथ ही उन्हें प्रतिभाग करने से ना डरने के कारण उत्तम श्रेणी की टीमें बताया । न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह ने उनके ब्रदर जज न्यायमूर्ति वी के दीक्षित की स्मृति में यह प्रतियोगिता का आयोजन कराए जाने पर प्रसन्नता जताई । न्यायमूर्ति वी के दीक्षित के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा की वह बहुत ही सरल एवं विनम्र स्वभाव के व्यक्ति थे । उन्होंने बताया कि यह प्रतियोगिता निश्चित ही एक ऐसे व्यक्ति के नाम पर हो रही है जिन्होंने समाज को बहुत कुछ दिया है । उनके साथ लिखे हुए एक अहम जजमेंट पर भी चर्चा करी । प्रतियोगिता के विषय पर चर्चा करते हुए उन्होंने छात्रों को बताया कि कहीं ना कहीं ह्यूमैनिटेरियन लॉ भारतीय वेदों एवं पुरानो आदि से जन्मा है और वह निश्चित ही 7000 साल से भी पुरानी विधि है। महाभारत एवं रामायण के कई उदाहरण भी साझा कर उन्होंने अपनी बात को औचित्य साबित किया । श्री अनूप त्रिवेदी ने छात्रों को ह्यूमैनिटेरियन लॉ एवं संविधान के पहलुओं से अवगत कराते हुए बताया कि कैसे समय-समय पर सर्वोच्च न्यायालय ने इंटरनेशनल लॉ का विकास किया एवं कैसे भारतीय विधि की जड़ों में इंटरनेशनल लॉ की छवि प्रतिबिंबित होती है। सॉलीसीटर एडवोकेट (हायर राइट) यूनाइटेड किंगडम , डायरेक्टर ट्विनवूड लाॅ प्रैक्टिस बर्मिंघम प्रैक्टिस लिमिटेड सॉलीसीटर , हरजोत सिंह ने मौजूद छात्रों को विधि क्षेत्र में आगे बढ़ने हेतु अहम सीखें दी जैसे कि सदा अपने विरुद्ध पक्ष के अधिवक्ता का सम्मान करें , बतौर अधिवक्ता नम्र रहे आदि। श्री एसएस उपाध्याय ने न्यायमूर्ति वीके दीक्षित को अपना गुरु बताते हुए याद किया । उन्होंने छात्रों को बताया की विधि के क्षेत्र में पुस्तकों से बाहर भी एक दुनिया है जिसे समझना होता है। इस दुनिया के बारे में एक अच्छे अधिवक्ता का जूनियर बनकर कुछ ही समय में सीखा जा सकता है। प्रोफेसर बलराज सिंह चौहान ने बताया की विधि संकाय में लीगल एड प्रोग्राम एवं क्लीनिकल सपोर्ट प्रोग्राम को शुरू कराने में भी न्यायमूर्ति वी के दीक्षित का बहुत बड़ा सहयोग । प्रतिभाग भाग कर रहे छात्रों को बताया की कैसे इंटरनेशनल मूट कोर्ट नेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिताओं से भिन्न होती है। प्रतिभागियों को इसे समझना चाहिए और रणनीति तैयार कर प्रतियोगिता में पूर्ण लग्न एवं सिद्ध से प्रतिभाग करना चाहिए।

प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह के पश्चात रिसर्च टेस्ट का आयोजन कराया गया । फाइनल राउंड 27 मार्च को प्रस्तावित है जिसमें माननीय इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के न्यायमूर्ति छात्रों को जज करेंगे। प्रतियोगिता में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली टीमों को पुरस्कृत किया जाएगा साथ ही विनिंग टीम को 30,000 , रनर अप टीम को 15000 , श्रेष्ठ वक्ता को 5000, शिष्ट शोधक को 5000 एवं श्रेष्ठ मेमोरियल बनाने वाली टीम को 5000 रुपए नगद इनाम स्वरूप दिए जाएंगे।