उन्नाव में ठंड का पहला कोहरा, लापरवाही बनी खतरे की वजह प्रशासनिक तैयारियों और जनसावधानी की उठी जरूरत

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अनुज कुमार वर्मा
ब्यूरो –सिद्धि टुडे, उन्नाव

उन्नाव जिले में आज ठंड के मौसम का पहला घना कोहरा देखने को मिला। सुबह होते ही शहर और ग्रामीण इलाकों की सड़कें धुंध की चादर में लिपटी नजर आईं। दृश्यता बेहद कम होने के कारण यातायात प्रभावित हुआ और कई स्थानों पर छोटे-बड़े हादसों की सूचना सामने आई। कोहरे की यह शुरुआत न सिर्फ दुर्घटनाओं का संकेत है, बल्कि आने वाले दिनों में बढ़ती ठंड और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों की भी चेतावनी देती है।

शहर के प्रमुख चौराहों, बाजारों और संपर्क मार्गों पर वाहन चालकों को आगे का रास्ता देखना मुश्किल हो गया। दोपहिया वाहन सवार, ई-रिक्शा चालक और सुबह-सुबह स्कूल जाने वाले बच्चे सबसे अधिक प्रभावित दिखे। कई जगह लोग सड़क किनारे रुकने को मजबूर हुए। कुछ क्षेत्रों में हल्की टक्कर और फिसलन की घटनाएं भी हुईं, जो इस बात का संकेत हैं कि यदि समय रहते सतर्कता नहीं बरती गई, तो हालात गंभीर हो सकते हैं।

कोहरा केवल एक्सीडेंट का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह आमजन की दिनचर्या, स्वास्थ्य और प्रशासनिक व्यवस्थाओं से भी जुड़ा हुआ है। ठंड बढ़ने के साथ बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों में सर्दी, खांसी और सांस की समस्याएं बढ़ने की आशंका रहती है। ऐसे में सरकारी अस्पतालों, रैन बसेरों और सार्वजनिक स्थलों पर आवश्यक इंतजाम समय रहते किए जाना बेहद जरूरी है।

प्रशासन से अपेक्षा है कि प्रमुख सड़कों पर चेतावनी बोर्ड, रिफ्लेक्टर, ब्लिंकर लाइट और ट्रैफिक पुलिस की तैनाती बढ़ाई जाए। वहीं स्कूल प्रबंधन, परिवहन विभाग और पुलिस के बीच समन्वय स्थापित कर बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। नगर निकायों को अलाव, कंबल वितरण और रैन बसेरों की व्यवस्था सक्रिय रूप से करनी चाहिए।

साथ ही आम जनता से भी अपील है कि कोहरे में वाहन चलाते समय हेडलाइट का सही उपयोग करें, तेज गति से बचें और अनावश्यक यात्रा टालें। उन्नाव में ठंड का यह पहला संकेत है—यदि अब भी इसे नजरअंदाज किया गया, तो आने वाले दिन और भी कठिन साबित हो सकते हैं। समय रहते सतर्कता ही सुरक्षा की सबसे बड़ी गारंटी है।