*सोनू वर्मा*
*ब्यूरो सिद्धि टुडे कौशांबी*
कौशाम्बी । मंझनपुर थाना क्षेत्र के समदा मोहल्ला निवासी गनेश प्रसाद पुत्र दशरथ ने पुलिस अधीक्षक कौशांबी को लिखित तहरीर देकर बताया कि मैं लगभग 4 वर्षों से पत्रकारिता के पेसे जुड़ा हुआ है। और मेरी पत्नी युनियन बैंक ऑफ इण्डिया मंझनपुर की मिनी शाखा समदा में चला रही रही है। मिनी शाखा समदा के बगल में समदा निवासी बबलू के मकान में आरोपी सत्यम कुशवाहा ने किराया का कमरा लेकर यूटूबर की ऑफिस बनाया था। मकान मालिक ने लगभग 4 महीने बाद अपना कमरा खाली करा लिया उसके पहले आरोपी सत्यम कुमार एवं कुलदीप तिवारी मिनी शाखा में बैठते थे। तभी विज्ञापन के नाम पर भांग की दुकानों पर ले जाकर गांजा की पुडिया खरिदवाया और सत्यम कुशवाहा ने विडियो बनाया। जिसमे सत्यम कुशवाहा की आवाज आ रही है। लेकिन भामक खबरों में वीडियों में आवाज को बन्द किया है। इसी तरह से लकी तिवारी निवासी ग्राम परसरा को दो पहिया वाहन में चलते हुये गाली गलौज पुलिस को करवाया और लकी तिवारी की फर्जी आईडी बनाकर छल कपट करता था। जिस पर लकी तिवारी ने कोखराज थाने में सत्यम कुशवाहा के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत करवाया था। कुलदीप तिवारी ने रात्रि के समय सत्यम कुशवाहा के साथ एक जगह पर पहुंचकर हिन्दूस्तान अखबार का व्यूरोचीफ और सिराथू प्रेस क्लब का महामंत्री बनकर धौस जमाया था. जिसकी विडियो उपलब्ध है। कमरा खाली करने के खुन्नस में सत्यम कुशवाहा ने शंकर शरण सिंह निवासी गांव कला गौहानी से युनियन बैंक ऑफ इण्डिया की मिनी शाखा की संचालिका सुधा देवी पर पैसा वसूलने का भ्रामक खबरे फैलावाया था। और तभी गांजा खरीदने की विडियो वायरल किया था। युनियन बैंक की संचालिका ने आई०जी०आर०एस० के माध्यम से अधिकारियों को अवगत कराया था और मंझनपुर थाना में लिखित तहरीर दी थी। लेकिन बाद में सुलह समझौता हो गया था। 4 महीने बाद सत्यम कुशवाहा ने अपने साथी कुलदीप तिवारी, निसार अहमद, शंकर शरण सिंह, शकील खान से जनपद में गांजा सप्लायर का आरोप लगाकर भ्रामक खबरे सोशल मिडिया में प्रसारित कराया। पूछने पर सत्यम कुशवाहा गाली गलौज करते हुये कहा कि अगर कही शिकायत किया तो जान से मार डालूगा। सोशल मिडिया में जनपद में गांजा सफलायर का आरोप लगाकर भ्रामक खबरे चलाने से पीड़ित का समाज मे छवि धूमिल हुयी है। बार बार इनके कृत्यो से पीड़ित परेशान है।
वीडियो के अनुसार पीड़ित ने गांजे की पुड़िया को हाथ में लेकर दिखा रहा है तो क्या पीड़ित यदि जनपद में सप्लायर है तो दो या तीन जगहों की वीडियो वायरल की वह भी लेने की लेकिन वीडियो में यह नहीं दिखाई दे रहा है कि पीड़ित ने गांजे की पुड़िया को जेब में रखा या दुकान को वापस किया हालांकि यह तो जांच का विषय है। लेकिन आरोपियों के द्वारा पीड़ित को जनपद का सप्लायर लिखकर शोसल मीडिया में खूब वायरल किया गया लेकिन यदि पीड़ित जनपद में गांजा का सप्लायर है तो पीड़ित के सप्लायर करने का स्थान और गठरी को अभी तक किसी ने वायरल नहीं किया। जनपद की पुलिस ने गांजा सप्लायरों से तीन माह के अन्तराल में लगभग 4 कुंटल गांजा बरामद कर सप्लायरो को सलाखों के पीछे भेज दिया है फिर पुलिस के चंगुल से जनपद भर में सप्लायर करने वाला कैसे बच गया यह एक बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहा है। क्योंकि जनपद भर में सप्लायर करने वाले के पास दो चार कुंटल हो सकता है लेकिन आरोपियों ने इसकी वीडियो वायरल नहीं किया है।





























