उन्नाव शहर के आवास विकास कॉलोनी बी ब्लॉक की इंटरलॉकिंग रोड बनी जानलेवा — अफसर, ठेकेदार और स्थानीय सभासद सब मौन

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अनुज कुमार वर्मा
ब्यूरो –सिद्धि टुडे, उन्नाव

उन्नाव (शहर): शहर की व्यवस्थित और प्रमुख कॉलोनी मानी जाने वाली आवास विकास कॉलोनी बी ब्लॉक की सड़कें इन दिनों बदहाली का शिकार हैं। जल जीवन मिशन के तहत पाइपलाइन डालने के दौरान नई बनी इंटरलॉकिंग सड़क को पूरी तरह से तोड़ दिया गया, लेकिन मरम्मत के नाम पर अभी तक सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। कॉलोनीवासी रोजाना कीचड़, गड्ढों और अव्यवस्था से जूझ रहे हैं, लेकिन जल निगम के अफसर, ठेकेदार, नगर पालिका और स्थानीय सभासद तक खामोश हैं।

सड़क नहीं, हादसों का न्योता

बी ब्लॉक की यह इंटरलॉकिंग रोड कुछ महीने पहले ही बनी थी, लेकिन जल जीवन मिशन के अंतर्गत पाइपलाइन डालने के लिए इसे पूरी तरह से खोद डाला गया। पाइपलाइन बिछा देने के बाद सड़क की मरम्मत की कोई कोशिश नहीं की गई, जिससे कॉलोनी की सुंदरता और सुविधा दोनों छिन चुकी है।

अब हालात यह हैं कि बारिश के दिनों में सड़कें कीचड़ का तालाब बन चुकी हैं और वाहन तो छोड़िए, पैदल चलना भी जोखिम भरा हो गया है। कई बुजुर्ग और बच्चों के गिरने की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं।

जिम्मेदार कौन?

1. जल निगम उन्नाव के अधिशासी अभियंता व सहायक अभियंता: परियोजना की निगरानी व कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में पूरी तरह विफल रहे।

2. ठेकेदार / निर्माण एजेंसी: नियमों के अनुसार खुदाई के बाद सड़क को यथास्थिति में वापस लाना था, लेकिन कार्य अधूरा छोड़कर निकल गए।

3. नगर पालिका परिषद उन्नाव: शहर क्षेत्र में स्थित इस कॉलोनी के रखरखाव और निरीक्षण की जिम्मेदारी जिसकी है, वह भी चुप है।

4. स्थानीय सभासद (पार्षद): जिन पर जनता की समस्याएं उठाने की जिम्मेदारी होती है, वे भी न तो मौके पर पहुंचे और न ही कोई कार्रवाई सुनिश्चित कराई।

5. जोनल अभियंता और निरीक्षण टीम: काम के बाद स्थल पर किसी ने दोबारा जाकर यह नहीं देखा कि जनता को किन हालात में छोड़ा गया है।

सभासद की चुप्पी पर सवाल

स्थानीय लोगों ने खास तौर पर अपने सभासद पर सवाल उठाए, जिनकी भूमिका कॉलोनी की समस्याएं नगर पालिका और उच्च अधिकारियों तक पहुँचाने की होती है। लेकिन ना कोई निरीक्षण, ना कोई प्रस्ताव, ना कोई दबाव — केवल मौन समर्थन जैसे हालात हैं। इससे लोगों में गहरा असंतोष फैल रहा है।

विकास के नाम पर अधूरे काम और गहरी लापरवाही

उन्नाव शहर की यह कॉलोनी उदाहरण है कि कैसे एक अच्छे-खासे क्षेत्र को भी योजनाओं के नाम पर बर्बाद किया जा सकता है। जनता उम्मीद करती है कि पाइपलाइन जैसी सुविधाएं आएं, लेकिन उन्हें यह कीमत अपने रोजमर्रा के जीवन को जोखिम में डालकर नहीं चुकानी चाहिए।

अब ज़रूरत है कि:

ठेकेदार को नोटिस देकर तत्काल सड़क की मरम्मत करवाई जाए

जल निगम के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय हो

नगर पालिका सक्रियता दिखाए

और स्थानीय सभासद को सामने आकर जवाब देना चाहिए कि जनता की समस्याओं के समाधान में उनकी क्या भूमिका रही?

जब जनता टैक्स देती है, वोट देती है — तो सुविधाएं भी हक के रूप में मिलनी चाहिए, न कि मांगने पर भी अनसुनी की
जाएं।