अनुज कुमार वर्मा
ब्यूरो –सिद्धि टुडे, उन्नाव
उन्नाव
ग्रीष्म ऋतु में लगातार बढ़ते तापमान एवं गर्म हवाओं (लू) के प्रकोप को दृष्टिगत रखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा आमजन को जागरूक करने हेतु दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि लू की गंभीरता को समझते हुए आवश्यक सावधानियां अपनाएं, ताकि संभावित स्वास्थ्य जोखिमों से बचाव हो सके।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, जब किसी क्षेत्र में तापमान लगातार तीन दिन तक सामान्य तापमान से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक बना रहता है, तो उसे ‘लू’ की स्थिति माना जाता है। वहीं, विश्व मौसम संगठन के अनुसार यदि तापमान लगातार दो दिन तक 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक बना रहे, तो वह भीषण गर्मी की श्रेणी में आता है, जो स्वास्थ्य के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
लू के लक्षण और जोखिम
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार लू लगने पर त्वचा का गर्म, लाल व शुष्क हो जाना, शरीर से पसीना न आना, तेज नाड़ी, भ्रम की स्थिति, सिरदर्द, चक्कर, मितली, कमजोरी तथा मूत्र का कम आना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। उच्च तापमान में अधिक समय तक रहने से मस्तिष्क, हृदय एवं शरीर के अन्य आंतरिक अंगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि हृदय रोगी, मधुमेह एवं उच्च रक्तचाप के मरीज, बुजुर्ग, छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं एवं कुछ विशिष्ट औषधियों का सेवन करने वाले लोग अधिक संवेदनशील होते हैं।
बचाव के उपाय – क्या करें
मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनियों पर ध्यान दें।
पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं, चाहे प्यास न भी लगे।
हल्के, ढीले, सूती वस्त्र पहनें।
धूप में निकलते समय टोपी, छाता, चश्मा एवं चप्पल का प्रयोग करें।
ओआरएस, लस्सी, छाछ, नींबू पानी, चावल का माढ़ आदि का सेवन करें।
घरों को ठंडा रखने हेतु पर्दों का प्रयोग करें एवं शाम के समय वेंटिलेशन सुनिश्चित करें।
खुले में कार्य करने वाले लोग शरीर को गीले कपड़े से ढकें एवं बीच-बीच में विश्राम करें।
लू लगने पर व्यक्ति को छांव में लिटाकर गीले कपड़े से पोंछें व शीघ्र चिकित्सकीय परामर्श लें।
क्या न करें
बच्चों एवं जानवरों को बंद वाहनों में अकेला न छोड़ें।
दोपहर 12 से 3 बजे के बीच बाहर निकलने से बचें।
गहरे रंग के व तंग वस्त्र न पहनें।
अत्यधिक गर्मी में शारीरिक परिश्रम न करें।
बासी व संक्रमित भोजन, अल्कोहल, चाय एवं कॉफी से परहेज करें।
प्रशासन की अपील
जिला प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे गर्मी से संबंधित लक्षणों को नजरअंदाज न करें और स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी समस्या की स्थिति में तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें। लू से बचाव के लिए सजगता व सावधानी ही सर्वश्रेष्ठ उपाय है।