*मोहर्रम का तीसरा दिन:हाफिज ने इमाम हुसैन के बचपन के दोस्त मुस्लिम इब्न अकिल का जिक्र किया*

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*पुष्पेन्द्र कुमार शुक्ला*
*सिद्धि संवाददाता कौशाम्बी*

कौशाम्बी-सरसवां ब्लॉक क्षेत्र के गोराजू मस्जिद में मोहर्रम के तीसरे दिन कर्बला की ऐतिहासिक घटना का स्मरण किया गया। मस्जिद में हाफिज जी ने बताया कि मुस्लिम समुदाय के लोग मुहर्रम को ग़म से मनाते हैं. मजलिस पढ़ते हैं इमाम हुसैन और उनके परिवार के साथ हुए जुल्म को याद करते हैं, जिन्हें भूखा-प्यासा रखकर रोजा और नमाज अदा करके उन्हें याद करते हैं हाफिज ने मुहर्रम के महीने का तीसरा दिन दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में इमाम हुसैन के बचपन के दोस्त मुस्लिम इब्न अकिल को खत लिखकर कूफे से (ईराक का शहर) बुलाया था. इमाम हुसैन का खत पाकर मुस्लिम इब्न अकिल उनकी नुसरत (मदद) के लिए पहुंचे थे. आज के दिन जगह-जगह उन्हीं का जिक्र किया जाता है पुरुषों ने मजलिसों में शिरकत की. वहीं महिलाओं ने अपने इलाकों के घरों में मजलिस-ओ-मातम करके हजरत फातिमा को उनके बेटे का पुरसा दिया. जिसे सुनकर अजादार जारो-कतार रोये और या हुसैन-या हुसैन की सदाएं बुलन्द कर उनका गम मनाया. इसके अलावा मजलिसों में लब्बैक या हुसैन और हुसैन बादशाह के नारों की भी गुंजायमान रहा. मौजूदा लोग अच्छन खान मुर्तुजा खान मईकन सब्बीर खान इस्माइल खान जालिम खान शकील खान चांद खान ड्राइवर कबीर खान फ़ुजैल खान जावेद अहमद आदि