अनुज कुमार वर्मा
ब्यूरो –सिद्धि टुडे, उन्नाव
उन्नाव, नवाबगंज: रामबाग गाँव में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहाँ एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत गैंगरीन संक्रमण की वजह से हो गई। बताया जा रहा है कि लगभग 70 वर्षीय सूर्यपाल (पुत्र झैनी पासी) के पैर पर कुछ दिन पहले भैंस का पैर पड़ गया था, जिससे उन्हें चोट आई। शुरुआत में इसे साधारण चोट समझकर नजरअंदाज कर दिया गया, लेकिन उचित इलाज न मिलने के कारण यह घाव गंभीर रूप लेता गया और अंततः जानलेवा साबित हुआ।
कैसे हुआ हादसा?
गाँव के बुजुर्ग सूर्यपाल अपने रोजमर्रा के कार्यों में व्यस्त थे, तभी अचानक भैंस का पैर उनके पैर पर आ गया, जिससे उन्हें चोट लग गई। उम्र अधिक होने के कारण उनकी चोट तेजी से ठीक नहीं हो पाई, और धीरे-धीरे घाव में संक्रमण फैलने लगा। शुरुआत में परिवार ने घरेलू उपचार से इलाज करने की कोशिश की, लेकिन जब दर्द असहनीय हो गया और उनका घाव खराब होने लगा, तब उन्हें उन्नाव के करोवन मोड़ स्थित महाजन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।
गैंगरीन बना जानलेवा
अस्पताल में डॉक्टरों की जांच में सामने आया कि सूर्यपाल को गैंगरीन हो चुका था। संक्रमण इतना बढ़ चुका था कि उनका पैर सड़ने लगा था और धीरे-धीरे यह पूरे शरीर में फैलने लगा। डॉक्टरों ने पूरी कोशिश की, लेकिन संक्रमण के कारण उनकी स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई और इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
गाँव में शोक, स्वास्थ्य सुविधाओं पर उठे सवाल
सूर्यपाल की असमय मृत्यु से गाँव में शोक की लहर दौड़ गई है। ग्रामीणों ने इस घटना पर गहरा दुःख जताते हुए प्रशासन से माँग की है कि गाँवों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँ, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
चिकित्सकों की सलाह: चोट को हल्के में न लें
विशेषज्ञों के अनुसार, गैंगरीन एक गंभीर संक्रमण है, जो शरीर के किसी भी हिस्से में रक्त संचार रुकने या संक्रमण के कारण हो सकता है। बुजुर्गों में यह अधिक खतरनाक साबित होता है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है और घाव जल्दी नहीं भरते। यदि चोट के बाद घाव में असामान्य सूजन, अत्यधिक दर्द, दुर्गंध या रंग बदलने जैसे लक्षण दिखें, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
किसी बड़ी दुर्घटना होने का इंतजार मत करें
किसी भी चोट को हल्के में न लें और तुरंत उचित इलाज कराएँ।
घाव में कोई असामान्य परिवर्तन दिखे, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श लें।
बुजुर्गों को चोट लगने पर विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि उनकी शरीर की हीलिंग क्षमता कम होती है।
ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर चिकित्सा सुविधाओं की आवश्यकता है, ताकि समय पर इलाज मिल सके।
यह दुखद घटना एक महत्वपूर्ण संदेश देती है कि स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही कभी-कभी जानलेवा साबित हो सकती है। समय पर इलाज से कई जिंदगियाँ बचाई जा सकती हैं।