अवनीश तिवारी
सिद्धि संवददाता
कानून की पढ़ाई करने के बाद बार काउंसिल में पंजीकरण कराने के लिए युवाओं को ज्यादा रजिस्ट्रेशन शुल्क अदा नहीं करना पड़ेगा । सुप्रीम कोर्ट ने देश और सभी राज्यों की बार काउंसिल को वकीलों के पंजीकरण के लिए कानून में तय शुल्क ही लेने के निर्देश दिए हैं। कई राज्यों में बार में पंजीकरण के लिए युवाओं से की जा रही मोटी फीस की वसूली को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने बार से सामान्य और अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) श्रेणी के विधि स्नातकों युवाओं से पंजीकरण के लिए क्रमश: 650 रुपये और 125 रुपये लेने के लिए कहा है।
दरअसल देश के कई राज्यों में विधि स्नातकों का बार में पंजीकरण करने के लिए बार काउंसिल मोटी फीस लेते हैं। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई विधि स्नातकों ने याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि कई राज्य बार में पंजीकरण के लिए भारी-भरकम फीस ले रहे हैं। अत्यधिक पंजीकरण शुल्क वसूलना कानून का उल्लंघन है और बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) को इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।