अनुज कुमार
सिद्धि टुडे –सदर, उन्नाव
उन्नाव यातायात पुलिस के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोप गंभीर हैं और सही पाए गए यह योगी सरकार के भ्रष्टाचार-विरोधी दावों के लिए एक चुनौती बनकर सामने आए हैं। पत्रकारों द्वारा की गई जांच और आरोपों के पुष्ट होने के बाद यह मामला और भी गंभीर हो गया है। सरकार द्वारा भ्रष्टाचार पर लगाम कसने की तमाम कोशिशों के बावजूद इस तरह के मामले सामने आना चिंता का विषय है।
इस घटना के बाद दो पुलिसकर्मियों का निलंबन एक तात्कालिक प्रतिक्रिया है, लेकिन इससे यह सवाल उठता है कि क्या इससे वसूली की समस्या का समाधान होगा या नहीं। योगी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए जरूरी है कि इस मामले की गहन जांच हो और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हो सकती हैं और इन्हें उखाड़ फेंकने के लिए एक मजबूत और पारदर्शी तंत्र की आवश्यकता है। देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या नीतियां अपनाई जाती हैं।


























