उन्नाव लेखपाल संघ के पुनः अध्यक्ष बने प्रवीण पटेल

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अवनीश तिवारी

सिद्धि संवाददाता – उन्नाव

जनपद में कुछ समय पहले लेखपाल संघ चुनाव हुए थे जिसमें पूरी कार्यकारिणी निर्वाचित हुई थी । जिसके कुछ ही समय बाद अति महत्वाकांक्षा के कारण महामंत्री एवं अध्यक्ष में आपसी अविश्वास के कारण महामंत्री ने अविश्वास प्रस्ताव लाकर सबको चौका दिया और फिर तत्कालीन अध्यक्ष महेंद्र सिंह यादव ने कार्यकारिणी भंग कर दी जिससे कि जनपद में लगभग 2 महीना से जादा समय से कार्यकारिणी भंग चल रही थी, और कल पुनः चुनाव संपन्न कराए गए जिसके लिए लेखपाल संघ उत्तर प्रदेश ने रायबरेली से लेखपाल शिवम सिंह, रामदेव, सतीश कुमार, शशांक पटेल सहित कई पदाधिकारियों को एवं लखनऊ से श्री मनीष पाठक श्री भूपेंद्र कुमार को चुनाव संपन्न कराने के लिए उन्नाव भेजा गया।
कल चुनाव प्रक्रिया में एक लेखपाल संघ से निष्कासित होने के कारण चुनाव प्रक्रिया में भाग तो लिया लेकिन उसका मत शामिल नहीं किया गया दोपहर बाद जब चुनाव संपन्न हुए मतगणना हुई तो पूर्व अध्यक्ष प्रवीण कुमार भारी मतों से विजई हुए अध्यक्ष पद पर 4 उम्मीदवारों ने भाग लिया जिसमें प्रवीण कुमार को 119 मत, महेंद्र कुमार यादव को 62 मत, सत्यम शर्मा को 71 मत और मर्दन सिंह को 35 मत प्राप्त हुए। इसी प्रकार वरिष्ठ वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद के लिए सूर्यकांत को 147 वोट एवं मनोज कुमार को 137 वोट प्राप्त हुए 12 अवैध मत पड़े। कनिष्क उपाध्यक्ष पद के लिए प्रशांत अवस्थी को 149 मत मिले एवं संदीप पाल को 133 मत मिले इस पद पर 9 अवैध वोट पड़े। उप मंत्री पद के लिए अरुण कुमार कुशवाहा को 149 मत मिले, अखिलेश कुमार मिश्रा को 76 मत मिले एवं सुनील कुमार भास्कर को 60 मत प्राप्त हुए इसी क्रम में 3 पदों पर प्रत्याशी निर्विरोध भी निर्वाचित हुए, जिसमें मंत्री ब्रजेश प्रताप सिंह, कोषाध्यक्ष रामनायक गुप्ता और एडिटर पद पर शिव प्रकाश जयसवाल निर्विरोध निर्वाचित हुए।

इस प्रकार जनपद में लेखपाल संघ की जिला कार्यकारिणी पुनः नई हो गई इस चुनाव में एक विशेष ध्यान देने योग्य बात यह है कि जिस पद पर आसीन लोग संपूर्ण जनप्रतिनिधि चुनाव की आधार की कड़ी माने जाते हैं कोई भी चुनाव लेखपालों के बिना संभव नहीं हो सकता है और उनके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी डाली जाती है ऐसे जिम्मेदार लोगों के संगठन में अपने ही चुनाव में भारी अवैध मत पड़ना विशेष चिंता का विषय है माननीय अध्यक्ष महोदय को एवं सभी लेखपाल साथियों को इस कमी पर ध्यान देना चाहिए।