उन्नाव में बेलगाम बैटरी रिक्शा चालक: सड़कें बनीं खतरे का मैदान, पुलिस व्यवस्था को दी खुली चुनौती

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अनुज कुमार वर्मा 

ब्यूरो –सिद्धि टुडे, उन्नाव 

 

शहर की सड़कों पर बैटरी रिक्शा चालकों की मनमानी इस कदर बढ़ गई है कि अब यह केवल ट्रैफिक अव्यवस्था नहीं, बल्कि आम जनता की जान के साथ सीधा खिलवाड़ बन चुका है। नियमों की धज्जियां उड़ाते ये चालक सड़क पर ऐसे फर्राटा भरते हैं, मानो पूरा रास्ता इन्हीं की बपौती हो। बिना सवारी के भी कई चालक सड़कों पर तेज रफ्तार से घूमते नजर आते हैं, जिससे आए दिन दुर्घटनाओं का खतरा मंडराता रहता है।

 

सबसे चिंताजनक बात यह है कि कई बैटरी रिक्शा बिना नंबर प्लेट के चलाए जा रहे हैं, और जिन पर नंबर हैं, वे चालक पीछे कपड़ा या चोटी बांधकर नंबर छिपाने का कृत्य कर रहे हैं — जो कि सीधा अपराध है। नंबर छिपाने जैसी हरकतें केवल नियम तोड़ना नहीं बल्कि पुलिस प्रशासन को खुली चुनौती देना है। दुर्घटना के समय ऐसे वाहनों की पहचान असंभव हो जाती है, जिससे पीड़ित को न्याय मिलना भी मुश्किल हो जाता है।

 

इन रिक्शों पर लोहे के भारी पाइप, गेट, लाउडस्पीकर और अन्य अनावश्यक सामान लादे रहते हैं, जो किसी भी वक्त सड़क हादसे को जन्म दे सकते हैं। मुख्य बाजार, बड़ा चौराहा, शुक्लागंज मार्ग या पुलिस चौकी के सामने — हर जगह यह नजारा आम है। यह स्थिति साफ बताती है कि पुलिस विभाग की पकड़ कमजोर हो चुकी है या फिर जानबूझकर आंख मूंद ली गई है।

 

इन चालकों की मनमानी अब बेकाबू रूप ले चुकी है। फिटनेस चेक नहीं, लाइसेंस नहीं, सुरक्षा उपकरण नहीं — और फिर भी सड़कों पर खुलेआम सवारी ढोने का सिलसिला जारी है। सवाल यह है कि क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे के बाद ही जागेगा?

 

जरूरत है सख्त कार्रवाई की — पंजीकरण अभियान, भारी जुर्माना, वाहन जब्ती और नियमित जांच की। अगर अब भी पुलिस प्रशासन ने ठोस कदम नहीं उठाए, तो उन्नाव की सड़कों पर यह बेलगाम व्यवस्था एक दिन किसी बड़े हादसे की गवाह बनेगी। जनता पूछने लगी है — क्या उन्नाव में अब ट्रैफिक के नियम खत्म हो चुके हैं और सड़क पर शासन इन मनमौजी चालकों का है?