अनुज कुमार वर्मा
ब्यूरो –सिद्धि टुडे, उन्नाव
उन्नाव आरटीओ कार्यालय में नियुक्त हुए चिकित्सक, बिना फॉर्म 1ए नहीं बनेगा डीएल
जिले में अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया पहले से अधिक सख्त कर दी गई है। सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) उन्नाव ने नया नियम लागू किया है, जिसके तहत लर्निंग या परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस (DL) के लिए आवेदन करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अनिवार्य रूप से मेडिकल परीक्षण कराना होगा।
इस संबंध में सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (ARTO) श्वेता वर्मा और तैनात चिकित्सक डॉ. सौरभ सचान ने संयुक्त रूप से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब से बिना मेडिकल फिटनेस प्रमाणपत्र (फॉर्म 1ए) के ड्राइविंग टेस्ट की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी।
रंग पहचान, सुनने व दृष्टि की जांच अनिवार्य
डॉ. सौरभ सचान ने बताया कि मेडिकल परीक्षण केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि सड़क पर चालक की योग्यता सुनिश्चित करने का जरूरी चरण है। परीक्षण में आंखों की रोशनी, रंगों की पहचान (कलर ब्लाइंडनेस), सुनने की क्षमता और अंगों की सामान्य कार्यप्रणाली की विस्तृत जांच की जाती है।
मेडिकल जांच सफल होने पर डॉक्टर आवेदक को फॉर्म 1ए जारी करेगा, जो यह प्रमाणित करता है कि वह व्यक्ति वाहन चलाने के लिए चिकित्सकीय रूप से उपयुक्त है।
सड़क सुरक्षा के लिए लिया गया अहम निर्णय
एआरटीओ श्वेता वर्मा ने कहा कि परिवहन विभाग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उन्नाव की सड़कों पर वही लोग वाहन चलाएं, जो पूरी तरह स्वस्थ और सक्षम हों। इससे दुर्घटनाओं में कमी लाने में मदद मिलेगी।
फर्जी फॉर्म 1ए से रहें सावधान
उन्होंने यह भी आगाह किया कि कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बिना किसी मेडिकल जांच के फर्जी फॉर्म 1ए जारी कर रहे हैं। ऐसे मामलों में आवेदक के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
अब बिना जांच नहीं मिलेगा ड्राइविंग लाइसेंस नए नियमों के अनुसार, मेडिकल जांच के बिना न तो लर्निंग लाइसेंस मिलेगा और न ही स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाएगा। यह नियम तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।




























