सिद्धि टुडे– नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ अब तक की सबसे सख्त कार्रवाई करते हुए कई बड़े कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को कैबिनेट की सुरक्षा समिति (CCS) की आपात बैठक बुलाई गई। इस बैठक में लिए गए फैसलों ने साफ कर दिया है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ पूरी तरह से निर्णायक मोड में आ गया है।
पहलगाम में सुरक्षाबलों पर हुए हमले में कई जवान शहीद हुए थे। प्रारंभिक जांच में हमले के पीछे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों का हाथ सामने आया है। इसी के मद्देनज़र केंद्र सरकार ने कूटनीतिक, रणनीतिक और सुरक्षा स्तर पर एक साथ कई सख्त निर्णय लिए हैं।
बड़ी कार्रवाई के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
1. पाकिस्तानी उच्चायोग बंद:
भारत सरकार ने देश में स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया है। सभी पाकिस्तानी राजनयिकों को 7 दिन के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है।
2. सिंधु जल संधि रद्द:
भारत ने 1960 में पाकिस्तान के साथ हुई सिंधु जल संधि को समाप्त करने का निर्णय लिया है। इसका मतलब है कि अब पाकिस्तान को भारत से जाने वाला पानी रोका जाएगा। यह कदम पाकिस्तान पर आर्थिक और पर्यावरणीय दबाव बढ़ा सकता है।
3. अटारी-बाघा बॉर्डर बंद:
भारत-पाकिस्तान के बीच सबसे प्रमुख सीमा रास्ता अटारी-बाघा बॉर्डर को तुरंत प्रभाव से सील कर दिया गया है। यह निर्णय दोनों देशों के बीच आवाजाही और व्यापार को पूरी तरह रोक देगा।
4. पाक नागरिकों पर वीजा प्रतिबंध:
भारत ने पाकिस्तान के नागरिकों को वीजा देना तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। साथ ही जो पाकिस्तानी नागरिक पहले से वीजा पर भारत में हैं, उन्हें 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है।
5. भारतीय राजनयिकों की वापसी:
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में कार्यरत सभी भारतीय राजनयिकों और कर्मचारियों को भारत वापस बुला लिया गया है। यह एक बड़ा कूटनीतिक संकेत है कि भारत अब पाकिस्तान से किसी प्रकार के संवाद के पक्ष में नहीं है।
6. सेना हाई अलर्ट पर:
भारतीय थल, जल और वायु सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सीमाओं पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है और किसी भी आपात स्थिति के लिए सैनिकों को तैयार रहने का आदेश दिया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा – “देश की सुरक्षा सर्वोपरि”
बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत अब आतंकवाद और उसके समर्थकों के खिलाफ पूरी मजबूती के साथ खड़ा है। देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हर हमला अब जवाबी कार्रवाई से मिलेगा।
जनता में रोष, विपक्ष ने भी किया समर्थन
हमले के बाद देशभर में गुस्से का माहौल है। कई शहरों में विरोध-प्रदर्शन हुए। विपक्षी दलों ने भी सरकार के फैसलों का समर्थन किया है और एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की बात कही है।