अनुज कुमार वर्मा
ब्यूरो –सिद्धि टुडे, उन्नाव
उन्नाव। कलेक्ट्रेट स्थित पन्नालाल हाल में अपर मुख्य सचिव, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण श्री बी.एल. मीणा की अध्यक्षता में औद्यानिक विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी श्री गौरांग राठी, मुख्य विकास अधिकारी श्री प्रेम प्रकाश मीणा, डीएसटीओ श्रीमती चित्रा दुबे, एलडीएम श्री सुनील वर्मा, डीसी एन.आर.एल.एम. श्री तेजवन्त सिंह, जीएम डीआईसी, डीआरपी, विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा कृषक बंधु उपस्थित रहे।
बैठक में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PMFME) की प्रगति की समीक्षा की गई। अपर मुख्य सचिव ने मुख्य विकास अधिकारी एवं जिला उद्यान अधिकारी से इस योजना के क्रियान्वयन की विस्तृत जानकारी ली और नए प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना पर जोर दिया। बैठक में उपस्थित उद्योग बंधुओं से नए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने के संबंध में चर्चा की गई।
युवाओं को मिलेगा रोजगार, मधुमक्खी पालन व बांस उद्योग को मिलेगा प्रोत्साहन
बैठक के दौरान श्री अमन कुमार ने मूंगफली से पीनट बटर के उत्पादन पर प्रस्तुति दी। इस पर चर्चा करते हुए अपर मुख्य सचिव ने कहा कि PMFME योजना के तहत परियोजना लागत का 35 प्रतिशत, अधिकतम 5 करोड़ तक अनुदान दिया जाएगा, जिससे नए उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने एवं पलायन रोकने के लिए खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की संख्या बढ़ाई जाए।
इसके अलावा, मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए गए और कहा गया कि नेशनल बी बोर्ड को मधुमक्खी पालकों के प्रस्ताव भेजे जाएं। साथ ही, बांस (बम्बू) मिशन और नेशनल मिशन ऑफ स्पाइसेस बोर्ड के अंतर्गत भी प्रस्ताव भेजने पर जोर दिया गया।
खेती को मिलेगा बढ़ावा, किसानों की आय होगी दोगुनी
MIDH योजना के तहत केला, आलू, ड्रैगन फ्रूट, खजूर और स्ट्रॉबेरी की खेती को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए गए। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि नई तकनीकों को अपनाकर और उन्नत खेती को बढ़ावा देकर किसानों की आय को दोगुना किया जा सकता है।
खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को मिलेगा अनुदान
अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि नए DRP (डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स पर्सन) के चयन का प्रस्ताव तैयार कर मुख्य विकास अधिकारी से स्वीकृति लेकर खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को बढ़ाया जाए। साथ ही, डीआरपी एवं उद्यमी मित्रों की सहायता से नए प्रस्ताव तैयार करने के भी निर्देश दिए गए।
जीएम डीआईसी को निर्देश दिया गया कि जनपद में अधिक से अधिक खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना कर उन्हें अनुदान दिलाया जाए, ताकि स्थानीय युवाओं को रोजगार मिले और जिले में औद्योगिक विकास को गति मिल सके।
निर्यात को मिलेगा बढ़ावा
नटी विलेज के प्रतिनिधि श्री अमन कुमार ने बताया कि मूंगफली से पीनट बटर का उत्पादन किया जा रहा है, जिसे निर्यात कराने की योजना बनाई जा रही है। इस पर अधिकारियों ने आवश्यक सहयोग का आश्वासन दिया।
बैठक में जिले में औद्योगिक विकास, कृषि क्षेत्र के सशक्तीकरण, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना एवं किसानों की आय वृद्धि को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा हुई। संबंधित अधिकारियों को इन योजनाओं को गति देने के लिए आवश्यक निर्देश भी दिए गए