अनुज कुमार वर्मा
ब्यूरो –सिद्धि टुडे, उन्नाव
उन्नाव शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को डायरिया से सुरक्षित रखने के लिए जनपद में बड़े पैमाने पर “डायरिया से डर नहीं” जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई। यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में पॉपुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया (PSI-India) और केनव्यू कंपनी के सहयोग से संचालित होगा।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (ACMO) एवं प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य के नोडल अधिकारी डॉ. हरिनंदन प्रसाद ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि डायरिया के सही समय पर पहचान और ओआरएस (ORS) के उचित सेवन से बच्चों को इस जानलेवा बीमारी से बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम सरकार के ‘स्टॉप डायरिया’ अभियान के तहत संचालित होगा, जिसका उद्देश्य डायरिया के कारण होने वाली बाल मृत्यु दर को शून्य तक लाना है।
समुदाय में जागरूकता और प्रशिक्षण पर विशेष जोर
कार्यक्रम के तहत आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और महिला आरोग्य समिति के सदस्यों को प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि वे डायरिया की सही पहचान कर सकें और बचाव के लिए समुदाय को जागरूक कर सकें। PSI इंडिया के स्टेट हेड अमित कुमार ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य समुदाय में व्यवहार परिवर्तन लाना और दस्त प्रबंधन को प्रभावी बनाना है।
PSI इंडिया के सीनियर मैनेजर प्रोग्राम अनिल द्विवेदी ने बताया कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों का उपयोग किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोगों तक डायरिया के लक्षण, कारण और रोकथाम की जानकारी पहुंचाई जा सके।
10 जिलों में चलेगा यह विशेष अभियान
यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के सात जिलों – बदायूं, फिरोजाबाद, मुरादाबाद, मथुरा, उन्नाव, गोंडा और श्रावस्ती तथा बिहार के तीन जिलों – सुपौल, पूर्णिया और दरभंगा में चलाया जाएगा।
WHO और यूनिसेफ का सहयोग
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर डॉ. शुतांशु सक्सेना ने बताया कि ‘प्रोटेक्ट, प्रीवेंट और ट्रीटमेंट’ के तीन मंत्रों के माध्यम से डायरिया की समय पर पहचान और उपचार संभव है। उन्होंने इस अभियान में WHO द्वारा हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
यूनिसेफ के प्रतिनिधि मोहम्मद दिलशाद ने कहा कि इस वर्ष उनके संचार नियोजन में PSI इंडिया के सहयोग से डायरिया जागरूकता को भी शामिल किया जाएगा।
शिक्षा और शहरी स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका
कार्यक्रम में बेसिक शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि ने कहा कि विद्यालयों में हैंडवॉशिंग (हाथ धोने) के सही तरीके सिखाए जा रहे हैं, जिससे बच्चों में स्वच्छता की आदतें विकसित हो सकें।
शहरी स्वास्थ्य समन्वयक रानु कटियार ने शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया, जबकि नगर निगम और डूडा (DUDA) के प्रतिनिधियों ने स्वच्छ जल की उपलब्धता और स्वच्छता अभियान पर विशेष ध्यान देने की बात कही।
स्वच्छता और सतर्कता से ही डायरिया पर नियंत्रण संभव
कार्यक्रम के समापन पर PSI इंडिया के जिला समन्वयक गजेंद्र सिंह ने सभी सहयोगी संस्थाओं को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर PSI इंडिया के अनुरेश सिंह, अशरफ, राम कुमार सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस अभियान को बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य और भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण पहल बताया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता, जागरूकता और सतर्कता ही डायरिया को जड़ से खत्म करने का सबसे प्रभावी उपाय है।