1857 स्वतंत्रता संग्राम की महान वीरांगना झलकारी बाई का मनाया गया 166वां बलिदान दिवस*

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सन्दीप मिश्रा

सिद्धि संवाददाता – रायबरेली
रायबरेली। 1857 के स्वतंत्रता आंदोलन की महान वीरांगना झलकारी बाई का 166वां बलिदान दिवस मनाया गया। नगर पालिका अध्यक्ष शत्रुघ्न सोनकर ने वीरांगना झलकारी बाई को अदम्य साहस और वीरता का पर्याय बताया। यहां इस अवसर पर उनके अनुयायियों ने 22 नवंबर व 5 अप्रैल को सार्वजनिक अवकाश घोषित किए जाने की मांग भी की।
रायबरेली शहर के सारस होटल के समीप स्थापित वीरांगना झलकारी बाई मूर्ति के पास शुक्रवार को वीरांगना झलकारी बाई का 166वां बलिदान दिवस सादगी पूर्ण ढंग से मनाया गया। मुख्य अतिथि नगर पालिका अध्यक्ष शत्रुघ्न सोनकर ने कहा कि हमारे समाज की बहन बेटियों को वीरांगना झलकारी बाई के त्याग और बलिदान से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने जाति और धर्म से ऊपर उठकर देश एवं समाज की आन मान शान के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। उन्होंने अंग्रेजों से मुकाबला करते हुए अपने पति पूरन कोरी के साथ 5 अप्रैल 1858 को वीरगति को प्राप्त हुई थी। उन्होंने मूर्ति परिसर के सुन्दरीकरण का भरोसा भी दिलाया।
इस अवसर पर सर्वप्रथम राजेश राज के द्वारा वीरांगना झलकारी बाई चित्र पर माल्यार्पण किया गया तत्पश्चात त्रिशरण पंचशील वंदना के बाद सामाजिक चिंतक डॉ सुनील दत्त ने वीरांगना झलकारी बाई के जीवन दर्शन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जन्म 22 नवंबर 1830 को झांसी से चार कोस दूर भोजला गांव में हुआ था। 1857 के स्वतंत्रता आंदोलन में उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। उन्होंने रानी का भेष धारण कर झांसी और रानी लक्ष्मीबाई के प्राणों की रक्षा की थी तथा अंग्रेजों से लोहा लेते हुए शहीद हो गयी थीं। देश के प्रति उनकी शहादत को देखते हुए 22 नवंबर उनके जन्मदिन एवं 5 अप्रैल बलिदान दिवस पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए। उनके जीवन संघर्षों को जूनियर हाई स्कूल स्तर तक के पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाए। प्रदेश के प्रमुख संस्थानों एव चौक चौराहों का नाम वीरांगना झलकारी बाई के नाम पर किया जाए।
कार्यक्रम का संचालन वीरांगना झलकारी बाई कल्याण एवं विकास परिषद के अध्यक्ष राम सजीवन धीमान ने किया। उन्होंने वीरांगना झलकारी बाई के वीरता की कई कहानियां भी सुनाई। इस अवसर पर परिषद के महासचिव गुप्तार वर्मा, समाजसेवी पेरियार वंश बहादुर यादव, विश्व दलित परिषद के अध्यक्ष राजेश कुरील, इंजीनियर एस.के. आर्या एवं रामशरण चौधरी आदि लोगों ने वीरांगना झलकारी बाई के जीवन पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर सरोज अनिल कुमार, श्यामलाल, राकेश कुमार, मनीष कुमार, अमरनाथ, राजाराम विद्यार्थी, जागेश्वर दिवाकर, सूर्यकांत, राजेश राज, डॉ. शिव बहादुर, शिवनारायण सोनकर, राजेंद्र कुमार, प्रमोद कुमार, रामकुमार, मदनलाल, अंबिका प्रसाद, श्री राम, विनोद कुमार वर्मा, विद्यासागर, अमित कुमार, सत्यम कुमार आदि लोग उपस्थित रहे.