कामिनी झा
सिद्धि संवाददाता , नई दिल्ली
असम में बिना चिकित्सक के चाय बागान चला रहे हैं पूंजीपति ने चिकित्सा की हालत बहुत ही खराब कर दी है ।पीने का पानी तक नहीं मिलता ।तीन से चार हजार से अधिक मजदूर रोजाना चाय बगान में काम कर रहे है । चाय इंडस्ट्री एशिया के सबसे बड़ी इंडस्ट्री है ।जहां एक साथ 10 लाख मजदूर काम करते है । लेकिन चाय इंडस्ट्री में चाय बगान के श्रमिकों के हालात बहुत बेकार है। असम में 850 चाय बगान है। जहां 80% हॉस्पिटल में चिकित्सक नहीं है। दवा की फैसिलिटी नहीं मिल पा रही है। गत 15 अक्टूबर में डिब्रूगढ़ जिला के अंतर्गत तिनखोंग समस्ती के ऑफलिया चाय बगान में एक श्रमिक सभा को संबोधित करते हुए। असम के जाने माने श्रमिक नेता तथा असम टी लेबर यूनियन के जर्नल सेक्रेटरी इजराइल नंदा ने कहा की आज चाय बागानों की स्तिथि अत्यंत दयनीय है। श्रमिको के पास रहने को घर नही है। इनकी शिक्षा , चिकित्सा, पीने के पानी का उचित प्रबंध नही है। समय पर रोजगार तक नही मिलता । वर्तमान में श्रमिक 250 रुपया दैनिक में काम कर रहे है। जो की अत्यंत चिंता का विषय है । इस महंगाई में 250रुपए कोई मायने नहीं रखता है । अस्थाई श्रमिको को स्थायी नही किया जा रहा है। ऐसी स्तिथि में श्रमिको के जीवन निर्वाह करना अत्यंत कठिनाई का विषय है। इजराइल नंदा ने सभा को संबोधित करते हुए आगे बताया की असम के राज्य सरकार एवम केंद्रीय सरकार से अपील की की असम के चाय बागानों श्रमिको की स्तिथि पर ध्यान देते हुए उचित व्यवस्था प्रदान करें। बोगा ओरंग की अध्यक्षता में आयोजित इस सभा में संतोष कुर्मी, बिजॉय सावराह , रंजित दास, अनिमा तांती, पूर्णिमा राजपूत सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित हुए।