केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में साइबर सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया

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मनीष कुमार

सिद्धि टुडे – उत्तर प्रदेश

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के इनीशिएटिव से ही आज भारत हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, आज के युग में साइबर सुरक्षा के बिना देश के विकास की कल्पना करना संभव नहीं है।साइबर सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न अंग है और मोदी सरकार इसे सशक्त बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है।भारत को डिजिटल क्रांति के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए साइबर सुरक्षित भारत का निर्माण किया जा रहा, इसका सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ जनजागरूकता है क्योंकि जागरूकता के बिना इसकी पूर्ति नहीं हो सकती।प्रधानमंत्री मोदी जी का विज़न है कि हर भारतीय को तकनीक व इंटरनेट के माध्यम से जुड़कर अपने को सशक्त करना चाहिए और डिजिटल इंडिया जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों का सशक्तिकरण हो रहा है और उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन भी आ रहे हैं।वित्त वर्ष 2022 में यूपीआई पर लेनदेन एक ट्रिलियन डॉलर को पार कर गया है और आज हम डिजिटल लेन-देन में विश्व में प्रथम स्थान पर है।वर्ष 2012 में 3377 साइबर क्राइम रिपोर्ट किए गए थे और 2020 में रिपोर्टिंगवर्ष 2021 में कुल वैश्विक डिजिटल भुगतान का 40 प्रतिशत भारत में हुआ और भीम-यूपीआई अब केवल भारतीय ऐप नहीं रह गई हैबल्कि ग्लोबल बन चुकी है और अनेक देश जैसे फ़्रांस, सिंगापुर, UAE, भूटान और नेपाल इसका उपयोग कर रहे हैं।
जनधन, आधार और मोबाइल के माध्यम से हमने डीबीटी को सुनिश्चित किया है, लगभग 52 मंत्रालयों की 300 से ज्यादा योजनाएं डीबीटी को कवर करती हैं और अब तक सात साल में 23 लाख करोड़ रूपए की राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करने का काम केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने किया है
मोदी सरकार ने देश में अबतक 5.75 लाख किलोमीटर लंबी फाइबर केबल का जाल बिछाया है और पिछले 8 सालों में 1,80,000 गांवों को इससे जोड़ने का काम किया गया है जो संख्या 8 साल पहले मात्र 10,000 से भी कम थी।
साइबर फ़्रॉड व अन्य प्रकार के साइबर अटैक आज दुनिया में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है और मोदी सरकार देश को इससे सुरक्षित करने के लिए कटिबद्ध है

गृह मंत्रलय के I4C औरCIS डिवीजन के तहत सात स्तंभों में साइबर अपराधओं की रोकथाम के लिए काम चल रहा है – राष्ट्रीय साइबर अपराध थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट, राष्ट्रीय साइबर अपराध रिर्पोटिंग पोर्टल, राष्ट्रीय साइबर अपराध प्रशिक्षण केंद्र, राष्ट्रीय साइबर अपराध अनुसंधान और नवाचार केंद्र, जॉइंट साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन, राष्ट्रीय साइबर अपराध इकोसिस्टम प्रबंधन यूनिट और राष्ट्रीय साइबर अपराध फॉरेंसिक प्रयोगशाला
डेटा और इंफॉर्मेशन यह दोनों आने वाले दिनों में बहुत बड़ी आर्थिक ताकत बनने वाली है इसीलिए डेटा और इंफॉर्मेशन की सुरक्षा के लिए भी हमें ख़ुद को तैयार करना होगा।
तीन साल पहले लॉंच हुए साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर अब तक अलग-अलग प्रकार की 11 लाख से ज़्यादा शिक़ायतें दर्ज हो चुकी हैं, सोशल मीडिया क्राइम की भी दो लाख से ज़्यादा शिक़ायतें दर्ज की जा चुकी हैं
मोदी जी ने देश के करोड़ों लोगो को देश के अर्थतंत्र के साथ जोड़कर उन्हें डिजिटली सशक्त बनाने का काम किया है, सिर्फ प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत 45 करोड नए अकाउंट खोले गए हैं और 32 करोड रुपे डेबिट कार्ड पिछले 8 सालों में देश में वितरित किए गए हैंवर्ष 2021 में कुल वैश्विक डिजिटल भुगतान का 40 प्रतिशत भारत में हुआ और भीम-यूपीआई अब केवल भारतीय ऐप नहीं रह गई हैबल्कि ग्लोबल बन चुकी है और अनेक देश जैसे फ़्रांस, सिंगापुर, UAE, भूटान और नेपाल इसका उपयोग कर रहे हैं
जनधन, आधार और मोबाइल के माध्यम से हमने डीबीटी को सुनिश्चित किया है, लगभग 52 मंत्रालयों की 300 से ज्यादा योजनाएं डीबीटी को कवर करती हैं और अब तक सात साल में 23 लाख करोड़ रूपए की राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करने का काम केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने किया है
मोदी सरकार ने देश में अबतक 5.75 लाख किलोमीटर लंबी फाइबर केबल का जाल बिछाया है और पिछले 8 सालों में 1,80,000 गांवों को इससे जोड़ने का काम किया गया है जो संख्या 8 साल पहले मात्र 10,000 से भी कम थी
साइबर फ़्रॉड व अन्य प्रकार के साइबर अटैक आज दुनिया में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है और मोदी सरकार देश को इससे सुरक्षित करने के लिए कटिबद्ध है
गृह मंत्रलय के I4C औरCIS डिवीजन के तहत सात स्तंभों में साइबर अपराधओं की रोकथाम के लिए काम चल रहा है – राष्ट्रीय साइबर अपराध थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट, राष्ट्रीय साइबर अपराध रिर्पोटिंग पोर्टल, राष्ट्रीय साइबर अपराध प्रशिक्षण केंद्र, राष्ट्रीय साइबर अपराध अनुसंधान और नवाचार केंद्र, जॉइंट साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन, राष्ट्रीय साइबर अपराध इकोसिस्टम प्रबंधन यूनिट और राष्ट्रीय साइबर अपराध फॉरेंसिक प्रयोगशाला

डेटा और इंफॉर्मेशन यह दोनों आने वाले दिनों में बहुत बड़ी आर्थिक ताकत बनने वाली है इसीलिए डेटा और इंफॉर्मेशन की सुरक्षा के लिए भी हमें ख़ुद को तैयार करना होगा