मूटिंग से होता व्यक्तित्व एवं वक्तृव्य कला में विकास

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सिद्धि संवाददाता _ लखनऊ

लखनऊ विश्वविद्यालय के नवीन परिसर स्थित विधि संकाय की मूट कोर्ट कमेटी द्वारा एलएलबी ऑनर्स एवं एलएलबी कोर्स के प्रथम वर्षीय छात्रों के लिए बुनियादी एवं अग्रिम मूट करने की कला विकसित करने हेतु संगोष्ठी आयोजित की गई । कार्यक्रम में संकाय के विभाग अध्यक्ष एवं संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर सीपी सिंह मौजूद रहे तथा बतौर मुख्य वक्ता , विश्वविद्यालय के विधि विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत , डॉ राधेश्याम प्रसाद एवं डॉ अभिषेक कुमार तिवारी उपस्थित रहे।सर्वप्रथम प्रोफेसर सी पी सिंह ने सभी छात्रों को विधि कोर्स में मूट कोर्ट सीखने तथा करने की आवश्यकता से परिचित कराया एवं उन्हें बताया कि विश्वविद्यालय के इतिहास में जिन भी छात्रों ने मूट कोर्ट में रुचि ली है और इसमें अपनी कला को निखारा है , उन्होंने निश्चिती विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है। उन्होंने छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ को-करिकुलर एक्टिविटीज में भी प्रतिभाग करने की आवश्यकता समझाई । इसके पश्चात कार्यक्रम में वक्ता डॉ राधे श्याम प्रसाद ने छात्रों को कई उदाहरण देते हुए मूटिंग कि आवश्यकता से परिचित कराया । उन्होंने बताया की मूटिंग न सिर्फं व्यक्तित्व का विकास करती है बल्कि वक्ततव को भी निखार देती है। जब छात्र मूट कोर्ट में प्रतिभाग करते हैं तो वह जजेज के समक्ष अपनी बात रखने में योग्य हो जाते हैं। उन्होंने बताया ना सिर्फ आज के समय में देश के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में हर वर्ष मूटिंग के नेशनल एवं इंटरनेशनल इवेंट होते रहते हैं बल्कि मूटिंग बतौर आवश्यक सब्जेक्ट भी पढ़ाया जाने लगा है। उन्होने छात्रो को मूट कोर्ट प्रतियोगिता के विभिन्न चरणों के बारे में भी विस्तार से बताया। छात्रों को कई प्रतिष्ठित मूट कोर्ट प्रतियोगिताओं के नाम से भी अवगत कराया जिससे कि वह भविष्य में उन में प्रतिभाग कर अपनी कला को आयाम दे सकते हैं।

डॉक्टर अभिषेक कुमार तिवारी ने छात्रों को मूटिंग के अनेक प्रैक्टिकल एसपेक्टस् से परिचित कराते हुए उन्हें कोर्ट एटिकेट के बारे में बताया जैसे कि जजेस से बात करते वक्त शॉर्टकट भाषा का प्रयोग ना करें , जज के स्थान ग्रहण करने से पहले स्वयं ना बैठे आदि। साथ ही मूट मेमोरियल ड्राफ्टिंग के भी समस्त बिंदुओं एवं पहलुओं पर चर्चा की। छात्रों को मजबूती से रिसर्च करने की सलाह भी दी। छात्र यदि रिसर्च एवं ड्राफ्टिंग के साथ-साथ मूटिंगी कि कला सीख ले तो निश्चिती वह वकालत के क्षेत्र में परचम लहराने में सक्षम हो सकेंगे। गौरतलब है कि विधि संकाय मैं 25 से 27 मार्च 2022 को प्रथम जस्टिस वीरेंद्र कुमार दीक्षित मेमोरियल इंटरनेशनल मूट कोर्ट कंपटीशन होना है जिसको लेकर भी संकाय पूर्ण लगन से कार्यरत है।