सिद्धि संवाददाता – लखनऊ
लखनऊ विश्वविद्यालय के नवीन परिसर स्थित विधि संकाय की मूट कोर्ट कमेटी द्वारा विषय “सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड की प्रणाली एवं विभिन्न प्रकार के मुकदमे” पर सत्र आयोजित किया गया । कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एवं उत्तराखंड सरकार के स्थाई वकील सौरभ त्रिवेदी मौजूद रहे । कार्यक्रम के प्रारंभ में संकाय के विभागाध्यक्ष एवं संकाय अघ्यक्ष प्रोफेसर सी पी सिंह ने उनका स्वागत किया तथा उनकी सफलता देख बतौर शिक्षक अपनी प्रसन्नता व्यक्त करी । उन्होंने सत्र में प्रतिभाग कर रहे समस्त छात्रों को उदाहरण देकर बताया कि जिस प्रकार शेर जंगल का राजा होते हुए भी मेहनत कर ही मृग को पकड़ सकता है ठीक उसी प्रकार वकालत एक ऐसा प्रोफेशन है जिसमें मेहनती व्यक्ति परिश्रम करके ही सफलता को हासिल कर
सकता है। इसके बाद कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सौरभ त्रिवेदी ने अपने शिक्षक को प्रणाम किया एवं कहा कि वह इसी बगिया के फूल हैं एवं सदा अपने शिक्षकों के साए में रहकर चलना चाहते हैं । सत्र के विषय पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया की एडवोकेट एक्ट के अंतर्गत अधिवक्ताओं के लिए दो प्रकार की प्रणाली होती है सीनियर एवं अन्य । सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने हेतु सुप्रीम कोर्ट रूल्स द्वारा निर्धारित एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड प्रणाली अलग होती है । उन्होंने एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड बनने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा कराई जाने वाली परीक्षा के पैटर्न पर चर्चा करते हुए बताया की वर्तमान में इस परीक्षा में 4 पेपर होते हैं जिन्हें उत्तीर्ण करने हेतु छात्रों को परिश्रम एवं लगन से प्रयास करना चाहिए । एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड बनने हेतु किसी भी राज्य के बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन तथा डेजिग्नेटिड एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड के अधीन एक वर्ष की ट्रेनिंग अनिवार्य है । तत्पश्चात उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दायर होने वाले विभिन्न प्रकार के मुकदमों पर भी चर्चा करी। उन्होंने अंत में कहा कि वकीलों के जीवन में अनिश्चितता की निश्चिता है परंतु मेहनत ही इस अनिश्चितता का उपाय है । प्रतिभाग कर रहे हैं समस्त छात्रों को निरंतर क्लास करने की सीख दी एवं अच्छे से पढ़ाई करने को कहा ।