जीवन के जिस मोड़ पर आकर व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं, उस मोड़ पर आकर एक बहुत ही कम उम्र की लड़की ने लिखी सफलता की एक नई कहानी। जी हां आज हम आपको एक ऐसी शख्सियत के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी मां के सहयोग से आज के परिवेश में युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनी हुई है। आज हम बताने जा रहे हैं ग्रेटर नोएडा में डिस्ट्रिक्ट आईटी टेक्निकल असिस्टेंट के पद पर सेवाएं देने वाली मानसी कटियार के बारे में।
मानसी कटियार जी का जीवन बेजुबान जीवो की सेवा हेतु समर्पित वास्तविक मायनों में बचपन से ही बहुत ही कठिन भी रहा है। मानसी जी का जन्म कानपुर के गोविंद नगर में हुआ, और इनकी प्रारंभिक शिक्षा भी कानपुर में ही संपन्न हुई, उच्च शिक्षा ग्रेटर नोएडा में गलगोटिया कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी से संपन्न हुई। मानसी जी का जीवन बचपन से ही मेधावी शिक्षा के ओतप्रोत था। उन्होंने इंटरमीडिएट परीक्षा में विरेंद्र स्वरूप विद्यालय कानपुर में प्रथम स्थान प्राप्त किया। मानसी जी का जन्म समय के कुछ ही बाद ही आपके माता पिता अलग अलग रहने लगे, इस कारण से आप के लालन-पालन की जिम्मेदारी आपकी माताजी ने संभाली, मानसी जी को लेकर माताजी अपने मायके में रहते हुए आपकी परवरिश करने लगी जीवन के जिस मोड़ पर आकर व्यक्ति टूट जाता है, उस मोड़ पर मानसी जी की माताजी ने अपने आप को संभालते हुए मानसी जी को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी देना शुरू किया। और इसी के चलते मानसी जी ने कठिन मेहनत करके अपनी पढ़ाई पूरी करी और ग्रेटर नोएडा में डिस्ट्रिक्ट आईटी टेक्निकल असिस्टेंट के पद पर नौकरी भी हासिल करी, इसीलिए मानसी जी अपनी सभी सफलता का श्रेय अपनी माता जी को देती है। मानसी अपने माता-पिता की अकेली संतान है।सामाजिक परिवेश में भी मानसी जी ने देखा बेजुबान बेसहारा जानवरों के लिए कोई कुछ नहीं करता तो उनका ध्यान इस ओर गया जिसके चलते आज से लगभग 2 वर्ष पूर्व 5 मई 2012 से एक मुहिम की शुरुआत करी “मानसी @ हेल्पिंग आउट पेट्स एवरीडे इन नोएडा” नाम की संस्था के रूप में संस्था का प्रमुख कार्य आवारा जानवरों को व्यक्ति विशेष के सहयोग से प्रतिदिन भोजन मुहैया कराना है। महानगरों में जानवरों के लिए भोजन की व्यवस्था बहुत ही दुर्लभ होती है। आपके प्रयासों से आपकी या मुहिम पूरे नोएडा में बहुत ही लोकप्रिय हुई है, और इस मुहिम के तहत रोज बेजुबान हो बेसहारों के लिए बिस्किट भोजन आदि चैरिटी के द्वारा प्राप्त हो रहा है।
अपने जीवन में कठिनाइयों को देखते हुए भी हंस कर आगे बढ़ने वाली मानसी जी ने कभी हार नहीं मानी, आपका जीवन प्रारंभ से ही कठिनाइयों भरा रहा, लेकिन आपकी माताजी आपका आधार बनी रही जिसके चलते उन्होंने जो संस्कार दिए, और संस्कारों के कारण आप कठिनाइयों में भी पूर्ण दृढ़ता एवं लक्ष्य के प्रति पूर्ण समर्पण से आपने एक नई पहचान बनाई और आपने आज वो सब करके दिखाया, जो आज के परिवेश में एक बेटी के लिए बहुत ही कठिन है ।
सिद्धि टुडे ने मानसी कटियार के जीवन पर इसलिए लिखा इससे आज के युवा सीख ले और अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहे संपूर्ण सिद्धि टुडे परिवार की ओर से मानसी जी को शुभकामनये।