मायावती ने PDA को बताया छलावा, सपा पर बोला हमला — भाजपा मंत्री रजनी तिवारी ने किया समर्थन, कहा अखिलेश का PDA परिवार तक सीमित, योगी राज में यूपी बढ़ा आगे

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अनुज कुमार वर्मा 

ब्यूरो –सिद्धि टुडे, उन्नाव 

 

उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दिनों PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) को लेकर बयानबाजी तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के PDA फार्मूले पर अब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने बड़ा हमला बोला है। मायावती ने कहा कि जब सपा की सरकार सत्ता में थी, तब PDA की याद किसी को नहीं आई। अब चुनाव नजदीक आते ही PDA का प्यार उमड़ने लगा है। उन्होंने कहा कि सपा केवल चुनावी स्वार्थ के लिए PDA का नाम ले रही है, जबकि उसका असली मकसद परिवारवाद की राजनीति को आगे बढ़ाना है।

 

मायावती ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि PDA की बात करना समाज के कमजोर वर्गों के साथ धोखा है। सपा ने अपने शासनकाल में दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के लिए कोई ठोस काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव का PDA दरअसल “परिवार, दोस्त और आत्मीयों” तक सीमित है, जिसमें समाज का असली प्रतिनिधित्व कहीं नजर नहीं आता।

 

बसपा सुप्रीमो के इस बयान के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई। भाजपा की ओर से मंत्री रजनी तिवारी ने मायावती के बयान का खुलकर समर्थन किया और सपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मायावती ने सपा की सच्चाई सबके सामने रख दी है। अखिलेश यादव का PDA केवल दिखावे की राजनीति है, जो प्रदेश के विकास के बजाय सत्ता की लालसा में किया गया प्रपंच है।

 

मंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि सपा के शासनकाल में उत्तर प्रदेश अपराध, भ्रष्टाचार और कुशासन का प्रतीक बन चुका था। सड़कों पर गुंडाराज था और जनता भय के साये में जी रही थी। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव के नेतृत्व में प्रदेश “बीमारू राज्य” बन गया था, जहां विकास के नाम पर सिर्फ कागजी योजनाएं थीं।

 

भाजपा मंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार में प्रदेश नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है। आज कानून-व्यवस्था मजबूत हुई है, निवेशक उत्तर प्रदेश में आ रहे हैं और आम जनता को सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिल रहा है। मंत्री ने कहा कि भाजपा की सरकार में पारदर्शिता और जवाबदेही है, जबकि सपा की राजनीति केवल परिवार और सत्ता तक सीमित थी।

 

रजनी तिवारी ने कहा कि जनता अब सब समझ चुकी है। PDA का नारा जनता को गुमराह करने की कोशिश है, लेकिन मतदाता अब जाति और परिवारवाद की राजनीति से ऊपर उठ चुका है। मायावती का बयान सपा के खोखले दावों की पोल खोलने वाला है।

 

मायावती और भाजपा मंत्री के बयानों के बाद यह साफ है कि आने वाले चुनाव में PDA की राजनीति पर गरमाहट और बढ़ेगी। एक ओर सपा इसे सामाजिक न्याय का प्रतीक बताती है, वहीं बसपा और भाजपा इसे सिर्फ दिखावा करार दे रही हैं।