पहलगाम आतंकी हमले की घोर निंदा एवं पाकिस्तान के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग

0
258

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने सम्पूर्ण राष्ट्र को गहरे शोक और आक्रोश से भर दिया है। निर्दोष, निहत्थे पर्यटकों को निशाना बनाना आतंकवाद की अमानवीय मानसिकता का शर्मनाक प्रमाण है। सर्व सनातन उत्थान सेवा समिति इस घिनौने और कायरतापूर्ण कृत्य की कठोरतम शब्दों में निंदा करती है और इसे भारत की अखंडता, संप्रभुता और शांति पर सीधा प्रहार मानती है।

समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सतीश शुक्ला जी ने कहा:
“आतंकवाद मानवता का शत्रु है। पहलगाम की यह घटना केवल कुछ व्यक्तियों की नहीं, बल्कि सम्पूर्ण राष्ट्र की वेदना है। भारत अब ऐसे घिनौने कृत्यों को सहन नहीं करेगा। यह समय प्रतीक्षा का नहीं, प्रतिशोध का है। हम प्रधानमंत्री जी से आग्रह करते हैं कि पाकिस्तान में पनप रहे आतंकी अड्डों को जड़ से समाप्त करने हेतु कठोरतम सैन्य कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।”

समिति ने इस हमले में अपने प्रियजनों को खोने वाले सभी परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है तथा घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।

“हमारी सहनशीलता को हमारी कमजोरी न समझा जाए। अब समय आ गया है कि आतंकवाद को उसकी भाषा में उत्तर दिया जाए। भारत के वीर सनातनी अपने राष्ट्र की अस्मिता की रक्षा हेतु समर्पित हैं और हम तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक इस कायरता का समुचित उत्तर न दे दिया जाए।” — श्री शुक्ला ने कहा।

इस मांग का समर्थन समिति के समस्त पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने एकमत होकर किया, जिनमें प्रमुख रूप से –
श्री के.के. त्रिपाठी (संगठन मंत्री), श्री सियाराम पांडेय, श्री रत्नेश त्रिपाठी, श्री ओमी मिश्रा (प्रदेश उपाध्यक्ष), श्री सुशील तिवारी, श्री अजय पांडे (नगर अध्यक्ष, उन्नाव), श्रीमती नीतू त्रिवेदी (प्रदेश कोषाध्यक्ष), श्री रेखा शुक्ला, श्री प्रमोद पांडे, एडवोकेट विजय कुमार शुक्ला, एडवोकेट रमाकांत गुप्ता, एडवोकेट संतोष अवस्थी, श्री रविंद्र तिवारी (विधानसभा अध्यक्ष), श्री रजत द्विवेदी, श्री शिवम आज़ाद, श्री संजय बाजपेई, श्री नरेश पांडे, श्री कपिल तिवारी एवं प्रदेश मीडिया प्रभारी श्री तन्मय श्रीवास्तव सम्मिलित हैं।

“सर्व सनातन उत्थान सेवा समिति” केंद्र सरकार से अपेक्षा करती है कि अब शब्द नहीं, सशक्त संकल्प और सटीक प्रतिकार का समय है। पाकिस्तान को यह संदेश मिलना चाहिए कि भारत आतंक को जन्म देने वाले हर स्रोत को समाप्त करने की सामर्थ्य और संकल्प दोनों रखता है।