अनुज कुमार वर्मा
ब्यूरो –सिद्धि टुडे, उन्नाव
उन्नाव जिला अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है, मगर इस बार वजह कोई सकारात्मक पहल नहीं, बल्कि सुरक्षा गार्डों की बर्बरता है।
हाल ही में सामने आए एक वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि अस्पताल परिसर में महिला तीमारदारों को पुरुष गार्डों द्वारा बेरहमी से पीटा जा रहा है। यह दृश्य न सिर्फ मानवता को शर्मसार करता है, बल्कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही और संवेदनहीनता की भी पोल खोलता है।
जहां सुरक्षा मिलनी चाहिए थी, वहां डर का माहौल है।
सुरक्षा के नाम पर तैनात गार्ड खुद कानून हाथ में लेकर गुंडों की तरह व्यवहार कर रहे हैं। बीमारों की सेवा और देखभाल के लिए आने वाली महिलाओं को थप्पड़ों और लातों से जवाब देना — यह किस सिस्टम की तस्वीर है?
आश्चर्य की बात यह है कि इस घटना के बावजूद प्रशासन पूरी तरह मौन है। न कोई जांच की घोषणा, न कोई जवाबदेही तय की गई। क्या वर्दी पहन लेना हिंसा का लाइसेंस बन गया है?
इस तरह की घटनाएँ न सिर्फ लोगों का स्वास्थ्य व्यवस्था से भरोसा खत्म करती हैं, बल्कि समाज में न्याय और संवेदना की गिरती हालत का भी आईना दिखाती हैं। उन्नाव जिला अस्पताल को आज नहीं तो कल, इस कलंक का जवाब देना ही होगा।
न्याय की मांग है — दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में कोई और गार्ड वर्दी पहन कर अत्याचार की हिम्मत न कर सके।