सिद्धि संवाददाता – फतेहपुर
होली एक ऐसा रंग बिरंगा त्यौहार है जिसे हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाते हैं ।प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हर धर्म संप्रदाय जाति के बंधन खोल कर भाईचारे का संदेश देता है ,इस दिन सारे लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूलकर गले लगते हैं और एक दूजे को गुलाल लगाते हैं। इसी क्रम में आज प्राथमिक विद्यालय मुरारपुर में भी होली का उत्सव मनाया गया, मजेदार बात यह रही कि पुरातन छात्र अपने नए स्कूलों को छोड़कर अपने पुराने स्कूल के कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।
नौनिहालों ने अपनी शिक्षिकाओं के साथ अबीर गुलाल और फूलों की होली खेली। कक्षा एक के छात्रों द्वारा हाथों के प्रिंट से अच्छे-अच्छे चित्रांकन किए गए। अन्य कक्षाओं के छात्रों ने भी अपनी रुचि से होली पर्व पर भांति भांति के चित्र बनाएं जिन्हें एक साथ नोटिस बोर्ड पर सजाया गया। फूलों और रंगों की बनी आकर्षक रंगोली देखते ही बनती थी। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका गीता यादव जी ने बच्चों को बताया कि होली का पर्व ऋतुराज वसंत के आगमन पर फाल्गुन की पूर्णिमा को आनंद और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इन दिनों रबी की फसल पकने की तैयारी में होती है और इस दिन लोग गाते बजाते हंसते हंसाते अपने खेतों पर जाते हैं और जौ की बालियां तोड़ कर लाते हैं। होलिका दहन से संबंधित हिरण्यकश्यप और प्रहलाद की प्रचलित कहानी भी बच्चों को सुनाई गई ।
बच्चों ने चिप्स पापड़ गुझिया का आनंद भी लिया।
सहायक अध्यापिका दीक्षा पटेल ने बच्चों को बताया आज यह पर्व घिनौना रूप धारण कर चुका है, जिसमें शराब और अन्य नशीले पदार्थों का भरपूर सेवन होने लगा है। राह चलते लोगों पर कीचड़ उछाला जाता है होली की जलती आग में घरों के किवाड़ चौकी छप्पर जलाकर राख कर दिए जाते हैं ,खेत खलियान , अनाज मवेशियों का चारा तक स्वाहा कर देना अब साधारण सी बात हो गई है तो बच्चों हमें यह सीख लेनी चाहिए कि यह सब काम नहीं करना है, प्रेम के बदले जो दुश्मनी पनप रही है उसे खत्म करना है और केवल रंग और गुलाल से ही होली खेलनी है।
होली पर बच्चों द्वारा तैयार स्टिक पपेट्स सभी ने खूब सराहे और उनके साथ फोटोस भी ली।
*रंगों का त्योहार है होली*
*खुशियों की बौछार है होली*
*भेद भाव सब मन से मिटा के*
*उर में भरती प्यार है होली*