निखिल वर्मा
नगर संवाददाता, उन्नाव
शहर के सबसे व्यस्ततम और प्रमुख स्थलों में से एक बड़ा चौराहा इन दिनों अवैध पार्किंग का केंद्र बनता जा रहा है। जहां एक ओर नगर प्रशासन द्वारा “यहाँ पार्किंग करना मना है” जैसे चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं, वहीं दूसरी ओर लोग इन नियमों की खुलेआम अवहेलना करते हुए अपनी गाड़ियां बेरोकटोक खड़ी कर रहे हैं। यह स्थिति न केवल यातायात व्यवस्था को बाधित कर रही है, बल्कि राहगीरों व दुकानदारों के लिए भी परेशानी का कारण बनती जा रही है।
दिनभर इस चौराहे पर दोपहिया और चारपहिया वाहनों का जमावड़ा लगा रहता है। नियमों की अनदेखी करते हुए वाहन चालकों ने इसे मानो स्थायी पार्किंग स्थल बना लिया है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह सब कुछ नगर प्रशासन की आंखों के सामने हो रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि गाड़ियों के जमावड़े से ग्राहक उनकी दुकानों तक नहीं पहुंच पाते, जिससे कारोबार पर असर पड़ रहा है। वहीं आम नागरिकों को जाम और पैदल चलने में मुश्किल का सामना करना पड़ता है।
हालांकि प्रशासन ने “पार्किंग निषेध” का बोर्ड लगाकर अपनी जिम्मेदारी निभाने का औपचारिक प्रयास किया है, पर वास्तविकता यह है कि बोर्ड लग जाने से व्यवस्था नहीं सुधरती, जब तक उस पर अमल न किया जाए।
क्या कहता है कानून और क्या है ज़मीनी हकीकत?
नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर अवैध पार्किंग पर जुर्माना लगाने के निर्देश हैं, पर बड़ा चौराहा इस नियम से अछूता नजर आता है। न कोई सख्त निगरानी, न चालान की कार्रवाई – नतीजतन लोग बेखौफ होकर गाड़ियाँ खड़ी कर रहे हैं।
ज़रूरी है सख्त कार्यवाही
अब समय आ गया है कि प्रशासन इस समस्या को गंभीरता से ले और स्थायी समाधान की दिशा में कार्य करे। सख्त चालान, CCTV निगरानी और ट्रैफिक पुलिस की नियमित मौजूदगी ही इस अराजकता पर लगाम लगा सकती है।
बड़ा सवाल यह है कि यदि ऐसे ही प्रमुख चौराहों पर नियमों की अनदेखी होती रही, तो शहर की यातायात व्यवस्था कब तक सुचारु रह पाएगी?