सत्यम सिंह चौहान
ब्यूरो -लखनऊ मंडल
जनपद उन्नाव में जहां एक तरफ अधिकारी विकास का पहिया गतिशील किए है दूसरी तरफ अतिक्रमण और अवैध पार्किंग पर ढील दिए है।
खबर उन्नाव शहर के सबसे व्यस्ततम चौराहों से है, आईबीपी चौराहा, बड़ा चौराहा,छोटा चौराहा,गांधी नगर तिराहा,स्टेशन रोड,जिला अस्पताल तिराहा,गदन खेड़ा चौराहा, इन सभी जगह से यदि आम जनता अपने साधन से तो छोड़िए पैदल भी निकल नहीं पाती है।जिसका मुख्य कारण है चौराहों पर दुकानदारों द्वारा सड़कों तक अपनी दुकान फैला कर बैठना और बची हुई जगह में आए ग्राहकों द्वारा बेतरतीब तरीके से वाहन पार्क करना।
सबसे ज्यादा बुरा हाल बड़े चौराहे,छोटे चौराहे और स्टेशन रोड का है।पूर्व में बड़े चौराहे पर रोड का चौड़ी करण उच्च अधिकारियों द्वारा करवाया गया था एवं अतिक्रमण हटवाया गया था परंतु दो तीन दिन बाद ही अटल बिहारी स्कूल की मार्केट में स्थित दुकानदारों द्वारा पुनः अपनी दुकान हद से बाहर लगाकर अतिक्रमण को उत्पन्न कर दिया गया।ट्रैफिक सिपाही,अधिकारी या आम जनमानस जब उनसे दुकान हद से अन्दर की तरफ ले जाने को कहता है तो अभद्रता करने एवं व्यापार मंडल के संगठन की धौंस जमा देते है।
छोटे चौराहे पर बात की जाए तो वैसा ही हाल है जैसा बड़े चौराहे का।
स्टेशन रोड की बात करे तो अगर आपको ट्रेन पकड़ना हो तो दो घंटा पहले ही निकलिए घर से क्योंकि न तो आप आईबीपी चौराहा से जा सकते,गाड़ियों की मरम्मत की दुकानों द्वारा अवैध पार्किंग और सड़कों पर कब्जा, न तो बड़े चौराहे की तरफ से,स्टेशन रोड पर दोनों तरफ से दुकानों के स्टाल सड़क पर केवल दो फुट जगह छोड़ते है उस पर बैट्री रिक्शे और बाइक की अवैध पार्किंग।
गांधी तिराहा से जिला अस्पताल तक हालत यह कि एम्बुलेंस रेंगती है और मरीज की अवस्था यदि गंभीर हो तो शायद बच पाए , कारण सड़क के दोनों तरफ अवैध रूप से फल वाले का कब्जा उससे थोड़ा आगे फल वाले के साथ साथ अवैध रूप से खड़े ऑटो रास्ते में यमराज बने खड़े है।
प्रश्न यह उठता है कि वहां से गुजरने वाली उच्च अधिकारियों की नजर पड़ने के बावजूद भी उन पर कार्यवाही क्यों नहीं होती?
आखिर क्यों उनको अभयदान प्राप्त है ?
जाम की समस्या और होने वाली दुर्घटनाएं उनसे आखिर जनपद को कब निजात मिलेगी
?
अवैध अतिक्रमण और अवैध पार्किंग को किसका संरक्षण है प्राप्त?
ट्रैफिक सिपाही और अधिकारियों द्वारा प्रत्येक चौराहे नुक्कड़ पर कड़ी धूप होने के बावजूद भी मेहनत और कर्तव्य पालन किया जाता है परंतु वह भी क्यों हो जाते है मजबूर?
जनपद में अतिक्रमण रूपी भयानक राक्षस और अवैध वाहन रूपी खड़े काल का दमन होगा भी नहीं?