बीमारी पर भारी आस्था

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सिद्धि संवाददाता उन्नाव

आज जहां संपूर्ण विश्व कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है, और लोग अपने घरों से निकलने में कतरा रहे हैं वही भारत जो की भावनाओं का देश भी कहा जाता है जहां पर पशु पक्षियों पेड़ पौधों को लोग ईश्वर का स्वरूप मानकर पूजते हैं। जेष्ठ के अंतिम मंगल पर नजारा था टीकाराम बाबा का जहां चारों ओर अपार भीड़ दर्शन करने को आतुर थे दर्शन दीघा में लंबी-लंबी लाइनें श्रद्धालु अखंड पाठ शहीद हवन पूजन कर रहे थे लोगों को इस तरह निर्भय ऊपर पूजा-पाठ करते देख अचानक ही किसी के मुंह से निकल पड़ा बीमारी पर भारी आस्था
आइए एक नजर इस जगह के इतिहास पर डालते हैं माखी थाना एवं ग्राम सभा के क्षेत्र में एक जगह है टेनई यहां पर अंग्रेजों ने एक पुल बनाया था जहां पुल पर ही नहर बहती है और नीचे नदी और सबसे ऊपर से आवागमन है इस जगह से दूर पर स्थित जंगल में एक महात्मा कई वर्ष पहले हनुमान जी की मूर्ति लगाकर सिद्धियां प्राप्त किया करते थे और तपस्या करते थे आगे चलकर यही सिद्ध स्थान टीका दास महाराज के नाम से प्रसिद्ध हुआ प्रत्येक मंगल को यहां पर हजारों श्रद्धालुओं दर्शन करने आते हैं इस मंदिर की रखवाली एवं व्यवस्था रखरखाव महात्मा के शिष्य महात्मा कर रहे हैं