यूके की संस्था ब्रेक्स साइलेंस फाउंडेशन ने उन्नाव में छात्राओं को दिया आत्मरक्षा का प्रशिक्षण

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ओमी मिश्रा

सिद्धि संवाददाता – उन्नाव 

ऐक्शन ब्रेक्स साइलेंस फा़उंडेशन नाम की संस्था अधिक से अधिक महिलाओं एवं लड़कियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस महीने करीब रोज़ ही यह संस्था स्कूलों में आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दे रही है। इसी के अंतर्गत आज उन्नाव में उत्कर्ष हायर सेकेंडरी स्कूल, अचलगंज में बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया।

बालिकाओं को प्रशिक्षण देने के लिए स्वयं ऐक्शन ब्रेक्स साइलेंस फा़उंडेशन की प्रेसिडेंट डॉक्टर आस्था मिश्रा और ऐक्शन ब्रेक्स साइलेंस, यूके की सीईओ मिस डेबी स्टीवन आई थीं। डेबी स्टीवन सेवेंथ डैन ब्लैक बेल्ट हैं और इस समय दुनिया के सबसे अधिक माने जाने वाले आत्मरक्षा प्रशिक्षकों में से एक हैं।

मिस डेबी स्टीवन ने बताया कि महिलाओं और लड़कियों पर अत्याचार की समस्या दुनिया या में हर जगह है, चाहे वह भारत हो, यूके हो या दक्षिण अफ्रीका हो। भारत में भारत की संस्था के लोग काम करेंगे क्योंकि वे भारत के राजनैतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं से परिचित हैं। गांवों की एवं कमजो़र वर्ग की महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए भी ऐक्शन ब्रेक्स साइलेंस फा़उंडेशन काम करेगी।

संस्था के पुरुष प्रशिक्षक श्री श्लोक विश्वकर्मा ने कहा कि महिलाओं पर होने वाले अत्याचार उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं हैं।वे चाहते हैं कि जैसे पुरुष आत्मनिर्भर हैं और हर कहीं आ जा सकते हैं, वही स्वतंत्रता महिलाओं को भी होनी चाहिए। उन्हें कहीं आने जाने में डर न लगे। हम जैसे पुरुषों को महिलाओं का साथ देना चाहिए।

दूसरे पुरुष प्रशिक्षक श्री आयुष प्रताप सिंह ने बताया कि उन्नाव में रेप के कई केस होते हैं। कई बार तो उनकी रिपोर्ट भी नहीं लिखी जाती है। अगर हम लड़कियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देते हैं तो ऐसी कई घटनाओं को रोका जा सकता है।

पुरुष प्रशिक्षक श्री हर्ष त्रिवेदी ने कहा कि वे अधिक से अधिक महिलाओं और लड़कियों को प्रशिक्षित करना चाहते हैं जिससे वे आत्मरक्षा कर सकें। वे अपने ऊपर आत्मरक्षा की टेक्नीक का प्रयोग करने देते हैं जिससे लड़कियां आत्मरक्षा करने में सक्षम हो सकें।

यूके से आई ट्रेनर अविषा गिल ने कहा कि पिछले हफ़्ते भारत में ट्रेनिंग देना इन्हें काफी़ अच्छा लगा। आगे भी वे ट्रेनिंग देती रहेंगी। भारत हो या यूके, महिलाओं के उत्पीड़न की समस्या हर जगह है। वे महिलाओं को आत्मरक्षा करने में सक्षम बनाना चाहती हैं।

संस्था की वाइस प्रेसिडेंट सुश्री छवि वर्मा ने कहा कि वे पहले खुद दूसरी महिलाओं की मदद के योग्य बनना चाहती हैं।महिलाओं और लड़कियों पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं। महिलाओं को वे इतना सक्षम बनाना चाहती हैं कि उन्हें अपनी रक्षा के लिये दूसरों पर निर्भर न रहना पडे़।