आधुनिक समाज एवं समय को दृष्टिगत करते हुए प्राथमिक विद्यालय मुरारपुर में अपडेटेड एवं डिजिटल स्वरूप में प्रकट हुईशक्ति स्वरूपा

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सिद्धि संवाददाता – फतेहपुर

आधुनिक समाज एवं समय को दृष्टिगत करते हुए प्राथमिक विद्यालय मुरारपुर में अपडेटेड एवं डिजिटल स्वरूप में प्रकट हुईशक्ति स्वरूपा

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत एक एनजीओ प्लान इंटरनेशनल के द्वारा की गई थी। इसकी शुरुआत एक प्रोजेक्ट के रूप में हुई थी। इस एनजीओ ने *क्योंकि मैं एक लड़की हूं* नाम से एक जागरूकता कैंपेन चलाया था ।अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस अभियान के विस्तार के लिए कनाडा सरकार से संपर्क किया गया।कनाडा सरकार ने संयुक्त राष्ट्र की 55वीं आमसभा में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा और अंत में संयुक्त राष्ट्र ने 19 दिसंबर 2011 को इस प्रस्ताव को पारित किया। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने के लिए 11 अक्टूबर की तारीख तय की गई।

इस बार वर्ष 2021 में नौवां अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा रहा है जिसकी थीम है *डिजिटल जनरेशन अवर जनरेशन*

इसी थीम को ध्यान में रखते हुए प्राथमिक विद्यालय मुरारपुर में नवरात्रि के उपलक्ष में चल रहे मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत आज शक्ति स्वरूपा मां अपडेटेड और डिजिटल अवतार में प्रकट हुई।उनके हाथों में अस्त्रों शस्त्रों के साथ आज के युग के आधुनिक उपकरण जैसे लैपटॉप, केलकुलेटर, मोबाइल फोन, माइक्रोफोन, कॉलर माइक, डिजिटल कैमरा भी थे। माता के स्वरूप ने बालिका संबंधी नारे दिए कि *21वीं सदी है आई, बेटियों का दौर है लाई*

*नए बदलते भारत में बदल लो अपनी सोच, बेटियां बनती है सहारा नहीं होती है वह बोझ*

 

बेटी है स्वर्ग की सीढ़ी,

वह पड़ेगी तो बढ़ेगी अगली पीढ़ी

प्रधानाध्यापिका गीता यादव ने बताया कि बेटी कुदरत का उपहार, नहीं करो उसका तिरस्कार

जो बेटी को दे पहचान माता-पिता वही महान सहायक अध्यापिका दीक्षा पटेल ने बेटियों की बडाई करते हुए कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ समाज को प्रगति के रास्ते ले जाओ