खेतों में फसलों की सुरक्षा के लिए किसान करें यह जरूरी उपाय: जिला उद्यान अधिकारी

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अनुज कुमार वर्मा

सिद्धि टुडे, ब्यूरो उन्नाव

जिला उद्यान अधिकारी सुरेंद्र राम भास्कर ने किसानों को उनकी फसलों को रोग और कीट प्रकोप से बचाने के लिए आवश्यक सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि फसलों की उचित देखभाल और समय पर की गई रोकथाम से उनकी उत्पादकता को बनाए रखा जा सकता है। वर्तमान समय में टमाटर, बैगन, आलू, मिर्च, मटर, प्याज और लहसुन जैसी फसलों में रोग और कीट प्रकोप का खतरा अधिक है।

टमाटर, बैगन, आलू और मिर्च की फसलों को झुलसा रोग से बचाने के लिए 2 ग्राम मैकोजेब को प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

सब्जियों पर माहू कीट के प्रकोप के लिए मोनोक्रोटोफास या डाईमिथोएट का 1 मि.ली. प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

मटर की फसल में बुकनी रोग से बचने के लिए 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से घुलनशील गंधक का छिड़काव करें।

प्याज की फसल को पर्पल ब्लॉच रोग से बचाने के लिए 0.2 प्रतिशत जिनेब के घोल का छिड़काव फायदेमंद होता है।

लहसुन की फसल की नियमित सिंचाई, निराई-गुड़ाई करें और रोग की स्थिति देखते ही दवा का छिड़काव करें।

जिला उद्यान अधिकारी ने किसानों को सलाह दी कि वे अपनी फसलों का नियमित निरीक्षण करें। रोग या कीट प्रकोप दिखाई देने पर तुरंत उपचार करें, अन्यथा फसल और उसकी उत्पादकता दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

अपने खेतों में मौसमी सब्जियों की समय से निराई और गुड़ाई करते रहें। किसी भी समस्या की स्थिति में जिला उद्यान कार्यालय से संपर्क कर उचित मार्गदर्शन प्राप्त करें।

सुरेंद्र राम भास्कर ने कहा कि फसल सुरक्षा के लिए समय पर उपाय करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। सही देखभाल और प्रयासों से किसान अपनी मेहनत का बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।