भृस्ट रजिस्टार कानूनगो को बचाने में लगें एसडीएम के दबाव में कार्यवाई नही कर रहे सीओ

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अभिषेक मिश्र
सिद्धि संवाददाता- हसनगंज 

हसनगंज तहसील में एसडीएम के संरक्षण में रजिस्टार कानूनगो ने जमकर भृस्टाचार मचाये हुए हैं।बड़े अधिकारी का संरक्षण होने की वजह से आरके बाबुओं ने अपने साथ बाहरी व्यक्तियों को तहसील में रख लिया जो दिनभर फाइलों के लेंन देन की सेटिंग किया करते हैं।बाहरी व्यक्तियों को इतनी खुली छूट दे दी गयी कि वह नायब तहसीलदार तक के फाइलों पर फर्जी हस्ताक्षर बनाकर निस्तारण करने लगे।जिसका खुलासा होने के बावजूद अधिकरियो का संरक्षण होने की बजह से कोई कार्यवाई नही हुई।जिसकी खबर क्षेत्रीय पत्रकार ने प्रकाशित की।जिससे आरके सहित तहसील प्रसासन खुन्नस मानने लगा।और दुबारा बाहरी व्यक्तियों की फ़ोटो खिंचने पर मारने की रणनीति बना ली।जिसकी वजह से 15 जुलाई को तहसिल अपने व्यक्तिगत काम से गये पत्रकार पर रजिस्टार कानूनगो राम बहादुर सिंह ने देखते ही दबोच लिया और जाति सूचक गालियां देते हुए मारपीट कर मोबाइल छीन कर गाली गलौज का वीडियो डिलीट कर दिया।साथ ही एक दूसरे साथी पत्रकार ने जब वीडियो बनाने लगे तो आरके राम बहादुर ने उउनके मोबाइल पर भी हाथ मार दिया जिससे उनका भी मोबाइल टूट गया।तथा घसीटते हुए बाहर ले गया तथा दुबारा खबर प्रकाशित करने पर मोहान में घर पर आकर जान से मार देने की धमकी देने लगा।जिसपर पीड़ित पत्रकार ने कोतवाली में तहरीर देकर कार्यवाई की मांग की।तो अपने कर्मचारी को फंसता देख एसडीएम ने तत्काल आरके से पेशबंदी में दो पत्रकारों और 4 अज्ञात के खिलाफ फ़ोटो खिंचने की तहरीर दी।मामले में एसडीएम के दबाव में कोई कार्यवाई न होने पर 16 जुलाई को पीड़ित ने एसपी और डीएम से गुहार लगाई।जिसके बाद सीओ राज कुमार शुक्ला ने पहले समझौता करने का दबाव बनाया फिर डराना शुरू किया।जब समझौता नही हुआ तो सीओ ने कहा की आरके की तहरीर पर तुम्हारे पर तुरंत मुकदमा लिखा जाएगा जबकि तुम्हारी तहरीर पर डीएम के अनुमोदन के बाद मुकदमा लिखा जाएगा।मामले के 4 दिन बाद भी एसडीएम के दबाव में सीओ ने कोई कार्यवाई नही की।जिससे पीड़ित पत्रकार डरे सहमे हुए हैं।
एसडीएम का कमाऊ पूत है राम बहादुर
पहले पत्रकार पर हमला करने वाला रजिस्टार कानूनगो राम बहादुर चुनाव में मतदाता सूची में वोटरों के नाम काटने और बढ़ाने के नाम पर जमकर वसूली की है।जिसकी सिकायत सही मिलने पर भी एसडीएम प्रदीप वर्मा ने कोई कार्यवाई नही की।आरके ने एक वोट घटाने बढ़ाने के नाम पर बगैर बीएलओ ,लेखपाल व सुपरवाइजर की रिपोर्ट दस्तखत के ही घालमेल कर दिया और लाखों की उगाही कर एसफडीएम के साथ मिलकर बन्दबाँट कर लिया।लाखो रुपये कमाई कराने वाले आरके को बचाने के लिए एसडीएम पूरा दम।लगाए हुए हैं