न्याय यात्रा निकालने वाली कांग्रेस की नगर पालिका में बैकलाग कर्मचारियों का अन्याय

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सन्दीप मिश्रा

सिद्धि संवाददाता रायबरेली 

रायबरेली। अजीबो गरीब कहानी चल रही है नगर पालिका परिषद में । कांग्रेस में न्याय यात्रा निकाली जबकि नगर पालिका अध्यक्ष खुद कांग्रेसी ही है। जहां के कर्मचारी अपने पद पर काम ना करके अपने ही कर्मचारियों से अन्याय कर रहे है यही नही कर्मचारी नेता बनकर अपने ही कर्मचारियों के हक की लड़ाई लड़ते है। जबकि अपने कर्मचारियों का सबसे ज्यादा अधिकार, हक ये मूल पद पर काम ना करने वाले कर्मचारी और अपने मूल पद पर काम ना कर नेतागिरी करने वाले कर्मचारी ही लूट रहे है। क्योंकि मायावती की सरकार में नगर पालिका में सफाई कर्मचारी के रूप में बैकलाग कर्मियो के तौर पर इन लोगो को रखा गया था। बताते है की इस नियुक्ति के समय भी तथाकथित रूप से तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी के ऊपर भी आरोप लगे थे। किसी प्रकार इन सबकी नगर पालिका परिषद में सफाई कर्मचारी के तौर पर भर्ती हो गई। लेकिन ये सभी कर्मचारी न तो वाल्मीक समाज से आते थे न ही हेला समाज के थे। इसी समाज के ही लोग आपके और हमारे घरों की गंदगी बिना भेदभाव के साफ करते चले आ रहे थे। लेकिन परिषद में लगभग 45 कर्मचारियों के भर्ती ने सारा सिस्टम बिगाड़ दिया । इन कर्मचारियों ने आते ही अपने आपको पढ़ा लिखा और काबिल बताना शुरू कर दिया । क्योंकि जहां हेला वाल्मीकि समाज के लोगो को लोगो हीन भावना से देखते थे वही इन पढ़े लिखे कर्मचारियों को सम्मान मिलने लगा ।नतीजा यह निकला की अधिकारियों की जी हुजूरी और उनकी कामचोरी को इन पढ़े लिखे कमियों ने अपना हथियार बनाया और उनके चहेते बन गए। अब आलम यह हो गया है ये ही सफाई कर्मचारी अब पूरी नगर पालिका चला रहे है मजेदार बात यह है की इन्ही कर्मचारियो में तमाम ने तो परिषद के विरुद्ध ही अपना संगठन बनाकर अपने कर्मचारियों के साथ हो रहे अन्याय की आवाज बुलंद करता दिखाई देता है । लेकिन आश्चर्य तब होता है जब न तो नगर पालिका परिषद द्वारा ही और ना ही इन कर्मचारियों द्वारा ये कहा जाता है की हम सब भी अपने साथियों का हक नगर पालिका परिषद की तरह मार रहे है । आखिर इन कर्मचारियों को इतनी हिम्मत और ताकत भाजपा सरकार और चुनाव के समय भी कहा से मिल रही है। शायद यह तब ही संभव है जब सैया भए कोतवाल तो डर काहे का